इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एक सीमेंट फैक्ट्री से एक सप्ताह के भीतर ऐतिहासिक कटास राज मंदिर के सरोवर में पानी भरने का आदेश दिया है। मीडिया में सरोवर का पानी सूखने की खबरों पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मंगलवार को हुई सुनवाई में मंदिर परिसर से भगवान राम और हनुमान की प्रतिमा गायब होने पर भी सवाल उठाया था।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि समीप की सीमेंट फैक्ट्रियों के अत्यधिक दोहन से सरोवर सूखने के कगार पर है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश मियां साकिब निसार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।
कटास राज मंदिर के आसपास स्थित सीमेंट फैक्ट्रियां बोरवेल से पानी का दोहन करती हैं जिससे सरोवर सूखने लगा है। भूजल नीचे जाने से इलाके में पेयजल का संकट पैदा हो गया है। इलाके में चार बड़ी सीमेंट फैक्ट्रियों में से एक बेस्टवे सीमेंट फैक्ट्री की ओर से वकील पेश नहीं होने पर पीठ ने नाराजगी जताई।
पीठ ने पंजाब प्रांत की सरकार से उन शर्तों का ब्योरा मुहैया कराने का आदेश दिया है जिसके तहत अधिकारियों ने इलाके में फैक्ट्री लगाने की इजाजत दी थी। इसके साथ ही क्षेत्र में प्रदूषण पर भी रिपोर्ट मांगी है। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि कटास राज मंदिर इलाके में सीमेंट फैक्ट्रियों ने स्थिति खराब की है।
इससे इलाके के निवासियों में ब्रेस्ट कैंसर और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इस दलील पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य की कीमत पर सीमेंट फैक्ट्रियों को इजाजत नहीं दी जा सकती है।