वाशिंगटन। विभिन्न देशों में रह रहे असंतुष्ट पाकिस्तानी नागरिकों ने वाशिंगटन में
आयोजित एक सम्मेलन में एकत्र होकर पाकिस्तान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कम होने की स्थिति में वहां मानव
अधिकारों, बहुलवादी विचारों और लोकतंत्र को समर्थन देने के विभिन्न तरीकों के बारे में चर्चा की। एक बयान में
कहा गया है कि दो दिनों तक चली इस चर्चा की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन
हक्कानी ने की और यह सम्मेलन रविवार को समाप्त होगा। उदारवादियों और बलोच, सिंधी, पश्तून और सेराकी
सहित कई समुदाय से जुड़े प्रतिभागियों ने इसमें हिस्सा लिया और पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को मार्शल लॉ
लागू होने जैसा बताया।इस सम्मेलन में विद्वान, पत्रकार, ब्लॉगर्स और सोशल मीडिया में सक्रिय रहने वाले लोगों
ने इस सम्मेलन में भाग लिया गया जिनमें से कई निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यह सम्मेलन
पाकिस्तानियों के एक समूह साउथ एशियन्स अगेन्स्ट टेरेरिज्म एण्ड फॉर ह्यूमन राइट्स (साथ) द्वार चौथी बार
आयोजित किया गया है। सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख प्रतिभागियों में पूर्व सीनेटर अफरासियाब खट्टक, पूर्व
राजदूत कामरान शफी, डेली टाइम्स के पूर्व संपादक राशिद रहमान, पत्रकार ताहा सिद्दीकी, गुल बुखारी, मारवी
सर्मेड और कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल शामिल थे। इसके पहले साथ सम्मेलन का आयोजन वर्ष 2016 और
2017 में लंदन में और 2018 में वाशिंगटन डीसी में किया गया था।