इस्लामाबाद। पनामा पेपर्स मामले में पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पनामा के कारनामे की वजह से सत्ता गंवाने वाले नवाज शरीफ पर अदालत सख्ती दिखा रही है।
पाक की जवाबदेही अदालत ने एक सप्लीमेंट्री (पूरक) मामले में उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया, जो लंदन स्थित संपत्तियों को लेकर देश की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ दायर की थी।
अदालत ने फैसला किया कि इस सप्लीमेंट्री केस को एवेनफील्ड फ्लैट्स केस में रिकॉर्ड का हिस्सा बनाया जाएगा। 22 जनवरी को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने इस्लामाबाद स्थित जवाबदेही अदालत में सप्लीमेंट्री केस दायर किया था।
पनामा स्केंडल में उलझा हुआ है शरीफ परिवार-
गौरतलब है कि शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामले पहले से हैं, जो पनामा पेपर्स स्कैंडल से जुड़े हुए हैं। इन मामलों में शरीफ के दोनों बेटों के अलावा बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर भी फंसे हुए हैं।
पनामा पेपर्स स्कैंडल में फंसने के बाद 68 वर्षीय शरीफ को पाक पीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। अपनी बेटी और दामाद के साथ आज वह 15वीं बार अदालत में पेश हुए। सुनवाई के दौरान शरीफ के वकील ने सप्लीमेंट्री रेफरेंस को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है।
शरीफ ने बताया मामलों को राजनीति से प्रेरित-
वकील के अनुसार, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने कहा था कि सप्लीमेंट्री केस तभी दायर होगा, जब संदिग्धों के खिलाफ नए सबूत मिलेंगे। मगर यह मामला है ही नहीं। यह भी कहा कि शरीफ को निशाना बनाने के लिए सप्लीमेंट्री केस दायर किया गया है और उसमें भी वहीं आरोप लगाए गए हैं जो दूसरे मामलों में हैं।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के तीनों मामलों में शरीफ और उनके बेटों का नाम है। जबकि उनकी बेटी और दामाद सिर्फ एवेनफील्ड मामले में फंसे हुए हैं।
जब से शरीफ सत्ता से बेदखल हुए हैं, तब से उनका राजनीतिक भविष्य अधर में है, जबकि वह अब भी देश की सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन के प्रमुख हैं। अगर वह भ्रष्टाचार मामलों में दोषी साबित होते हैं तो जेल जाना पड़ सकता है। हालांकि शरीफ और उनके परिवार का कहना है कि सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं।