यरुशलम। इजराइल के पुलिसकर्मियों ने फलस्तीनी युवकों द्वारा पथराव किये जाने के बाद
यरुशलम स्थित संवेदनशील धर्म स्थल के परिसर में प्रवेश किया। प्रवेशद्वार पर तैनात इजराइली पुलिसकर्मियों पर
पथराव किया गया। इस स्थल पर फिर से हिंसा ऐसे समय हुई है, जब इजराइल ने यहूदियों के आगमन पर
अस्थायी रोक लगा दी है। फलस्तीनी उनकी यात्रा को उकसावे के रूप में देखते हैं। यह स्थान यहूदियों और
मुसलमानों, दोनों के लिए एक पवित्र धर्म स्थल है।
चिकित्सा अधिकारियों ने कहा कि कुछ घंटे तक चली इस झड़प में 24 से अधिक फलस्तीनी घायल हो गए। इस
स्थल पर पिछले सप्ताह फलस्तीनियों और इजराइली पुलिस के बीच कई बार झड़प हुई थी। इससे पहले, इजराइल
के भीतर हमले हुए थे और वेस्ट बैंक में गिरफ्तारियां की गई थी। विद्रोही समूह हमास के नियंत्रण वाले गाजा
पट्टी से इजराइल में तीन रॉकेट दागे गए हैं। दो फलस्तीनी प्रत्यक्षदर्शियों ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर
बताया कि फलस्तीनी युवकों ने परिसर में जाने वाले एक प्रवेशद्वार पर पुलिस पर पथराव किया। इसके बाद
पुलिसकर्मी परिसर में घुस गये, रबर की गोलियां और ‘स्टन ग्रेनेड’ दागे।
इजराइली पुलिस ने कहा कि हमास के झंडे लिए कुछ फलस्तीनियों ने सूर्योदय से पहले पत्थर जमा करने शुरू कर
दिये थे। पुलिस ने कहा कि पथराव शुरू होने के बाद, उन्होंने परिसर में प्रवेश करने से पहले सुबह की नमाज
समाप्त होने तक इंतजार किया। कुछ वरिष्ठ फलस्तीनी नागरिकों ने युवाओं से पथराव बंद करने का आग्रह किया,
लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया और दर्जनों नकाबपोश युवकों ने पुलिस पर पथराव किया।
पुलिस ने बताया कि झड़प वाले स्थान पर प्रवेशद्वार के पास एक पेड़ में आग लग गई। पुलिस ने कहा कि
फलस्तीनियों द्वारा फेंके गए पटाखों से यह आग लगी। दर्जनों फलस्तीनियों के एक अन्य समूह ने कहा कि वे
दोपहर में होने वाली मुख्य साप्ताहिक नमाज से पहले क्षेत्र को खाली कराना चाहते हैं, जिसके बाद हिंसा थम गई।
इसके बाद पुलिस द्वार पर वापस चली गई और पथराव बंद हो गया। फलस्तीनी रेड क्रिसेंट चिकित्सा सेवा ने कहा
कि कम से कम 31 फलस्तीनी घायल हो गए, जिनमें 14 को अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने कहा कि एक
पुलिसकर्मी के चेहरे पर पत्थर लगा और उसे इलाज के लिए ले जाया गया। यरूशलम के पुराने शहर में अल-अक्सा
मस्जिद इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है।