काठमांडू। नेपाल में सत्ता में साझेदार दलों के बीच एक महीने के भीतर मतभेद उभरने लगे हैं। प्रचण्ड सरकार को समर्थन देने वाली राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष तथा उपप्रधानमंत्री रवि लामिछाने ने प्रधानमंत्री प्रचण्ड एवं एमाले अध्यक्ष ओली को अप्रत्यक्ष रूप से उनकी पार्टी को मिले मंत्रालयों में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी है।
रवि लामिछाने ने पुलिस विभाग में पिछले सप्ताह हुए कुछ प्रमोशन, ट्रांसफर और पोस्टिंग में प्रधानमंत्री प्रचण्ड और सत्तारूढ़ गठबन्धन में शामिल नेकपा एमाले के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली के हस्तक्षेप को आगे बर्दाश्त नहीं किए जाने की बात कही है। एक वीडियो जारी कर हुए गृह मंत्री रवि लामिछाने ने कहा कि पिछले हफ्ते पुलिस एसपी के प्रमोशन में जिस तरह से उनके कार्य के मूल्यांकन को दरकिनार करते हुए नेताओं की पहचान के आधार पर प्रमोशन किया गया, उसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। लामिछाने का दावा है कि उनके गृह मंत्रालय संभालने से पहले ही इस प्रमोशन की लिस्ट तैयार हो गई थी। लेकिन मीडिया में जिस तरह से उनकी आलोचना की गई और उनकी निर्णय क्षमता पर सवाल खड़ा किया गया, उसके बाद वो यह वीडियो जारी करने के लिए मजबूर हुए।
दरअसल पिछले सप्ताह नेपाल पुलिस के पांच एसपी का प्रमोशन किया गया जिसमें ना तो वरिष्ठता का ख्याल रखा गया और ना ही कार्य मूल्यांकन को आधार बनाया गया। वरियता और कार्य मूल्यांकन के आधार पर चार नंबर और पांच नंबर पर रहे पुलिस अधिकारी को एक नंबर और दो नंबर पर प्रमोट कर दिया गया। मीडिया ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री प्रचण्ड और एमाले अध्यक्ष के पी शर्मा ओली के पीएसओ होने के कारण पहले से लेकर तीसरे नंबर तक के अधिकारियों को नीचे धकेलते हुए चौथे और पांचवें नंबर के अधिकारियों का प्रमोशन किया गया है।
इसकी व्यापक आलोचना होने के बाद सफाई देते हुए गृहमंत्री रवि लामिछाने ने कहा कि आगे से उनके मंत्रालय या उनकी पार्टी को मिले अन्य मंत्रालय में प्रधानमंत्री या किसी अन्य सत्तारूढ़ दल के नेता का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने वीडियो संदेश में बताया कि उनकी पार्टी कुछ काम करने और परिणाम दिखाने के लिए सरकार में शामिल हुई है। अगर उनको काम नहीं करने दिया गया या फिर उनके मंत्रालय के कामों में हस्तक्षेप किया गया तो उनकी पार्टी इस सत्ता समीकरण से बाहर निकलने में भी पीछे नहीं हटेगी।