काठमांडू। नेपाल के केन्द्रीय अनुसंधान ब्यूरो (सीआईबी) ने चीन के नागरिकों के हांगकांग से एक क्विंटल सोने की तस्करी कर नेपाल के रास्ते भारत में भेजे जाने को लेकर इंटरपोल की मदद ली है। नेपाल की इंटरपोल शाखा ने हांगकांग, चीन और भारत की इंटरपोल शाखा से इस केस से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी साझा करने को कहा है।
सीआईबी की प्रमुख एआईजी किरण बज्राचार्य ने बताया कि इस केस में त्रिदेशीय नेक्सस दिख रहा है। हांगकांग से चीन के नागरिकों द्वारा सोने की खेप भेजा जाना। नेपाल को ट्रांजिट के रूप में प्रयोग करना और नेपाल से सोने की खेप को भारत भेजना। बज्राचार्य ने कहा कि इस तस्करी के पूरे नेक्सस का पता लगाने के लिए बीजिंग के इंटरपोल सहित हांगकांग के सब डिविजन ऑफिस तथा भारत के नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी) से पत्राचार किया गया है।
सीआईबी प्रमुख ने बताया कि हांगकांग से फर्जी कंपनी बनाकर वहां से ब्रेक शू के जरिए नेपाल में सोने की तस्करी की जाती रही है। हांगकांग से उस कंपनी से संबंधित लोगों के बारे में जनकारी मांगी गई है। उल्लेखनीय है इस केस में नेपाल में अब तक चीन के 12 नागरिकों की गिरफ्तारी हुई है। इन नागरिकों के पास भारत के आधार कार्ड मिलने से खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। इस तस्करी से जुड़े कुछ भारतीय मूल के व्यापारी यहां से फरार हो गए हैं।
बताया गया है कि पकड़ी गई खेप के अलावा हांगकांग से आया करीब 733 किलोग्राम सोना नेपाल के रास्ते भारत पहुंच चुका है। नेपाल में जिस फर्जी कंपनी के नाम पर सोने की खेप मंगवाई जाती थी उसके कस्टम और एक्सपोर्ट इम्पोर्ट कागजात में पिछले तीन महीने में 1700 किलोग्राम सामान मंगवाए जाने का रिकार्ड है। अब तक पकड़े गए आरोपितों में सभी ने सोना को भारत में भेजे जाने की बात स्वीकारी है।