विनियस। लिथुआनिया की राजधानी विनियस में नाटो शिखर सम्मेलन शुरू हुआ। सम्मलेन के पहले दिन गठबंधन में यूक्रेन को शामिल करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गयी है।
नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने मंगलवार को कहा कि सहयोगी दल यूक्रेन को नाटो के करीब लाने के लिए एक पैकेज पर सहमत हुए हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि गठबंधन में शामिल होने के लिए यूक्रेन को निमंत्रण तब जारी किया जायेगा जब सभी सहयोगी सहमत होंगे और शर्तें पूरी होंगी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ट्वीट किया, यह बेतुका है कि यूक्रेन की सदस्यता के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। जबकि यूक्रेन को आमंत्रित करने के लिए भी शर्तों के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। वह बुधवार को नई नाटो-यूक्रेन परिषद की उद्घाटन बैठक में भाग लेंगे।
नाटो के सदस्यों में इस बात पर मतभेद है कि यूक्रेन को अपने गुट के करीब कैसे लाया जाए। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, कुछ पूर्वी यूरोपीय सदस्य दबाव डाल रहे हैं कि यूक्रेन को इसमें कब शामिल किया जायेगा, लेकिन अमेरिका और जर्मनी ने स्पष्ट रूप से अभी कुछ नहीं कहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो नेताओं ने शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से सबसे व्यापक रक्षा योजनाओं को भी मंजूरी दे दी है और एक नई रक्षा कार्य योजना का समर्थन किया है।
नई योजनाओं के तहत, नाटो का लक्ष्य 300,000 सैनिकों को पूरी तरह से तैयार करना है। नाटो सहयोगियों ने भी रक्षा में सालाना अपने सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम दो प्रतिशत निवेश करने की स्थायी प्रतिबद्धता बनाई है, हालांकि 2014 के बाद से लगातार नौ वर्षों तक रक्षा खर्च में वृद्धि के बाद, गठबंधन के 31 सदस्यों में से केवल 11 ही ऐसा कर पाए हैं।
आलोचकों का तर्क है कि इस तरह का सैन्यीकरण सदस्य देशों के बीच हथियारों की होड़ को बढ़ावा देगा और संसाधनों का उपयोग सामाजिक और आर्थिक विकास पर नहीं होगा जिससे नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
ट्रांसनेशनल फाउंडेशन फॉर पीस एंड फ्यूचर रिसर्च के निदेशक ओबर्ग ने कहा, हम जो देख रहे हैं वह एक व्यापक सैन्यवाद है जो दूसरे पक्ष के परिणामों की परवाह नहीं करता है।
विश्लेषकों ने यह भी चेतावनी दी है कि नाटो के विस्तार और यूक्रेन मुद्दे पर उसकी प्रतिक्रियाओं से वैश्विक सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।
जर्मनी की संसद के निचले सदन के सदस्य सेविम डागडेलन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में सिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया था कि नाटो एक रक्षा गठबंधन नहीं है, हालांकि पश्चिमी नेताओं का भी लगातार यही कहना है।
साथ ही, सैन्य संधि आक्रामक हथियार अभियान में लगी हुई है और यूक्रेन संकट के संबंध में सभी वार्ता प्रयासों को विफल कर रही है। उन्होंने नाटो पर यूक्रेन को सैन्य सहायता की आपूर्ति कर रूस के खिलाफ छद्म युद्ध लड़ने का आरोप लगाया।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को नाटो पर रूस के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया।
स्थानीय मीडिया ने पेसकोव के हवाले से बताया, हम स्पष्ट रूप से एक संघ के शिखर सम्मेलन के बारे में बात कर रहे हैं, जिसका साफ़ तौर पर रूसी विरोधी स्वभाव है।
उन्होंने कहा कि मॉस्को ने अपनी सीमाओं की ओर नाटो के विस्तार को देखा है, और पश्चिम इस विस्तार के जोखिमों को नहीं समझता है।
दो दिवसीय शिखर सम्मेलन से पहले, कई यूरोपीय देशों में नाटो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है।