अंकारा। नाटो की सदस्यता को लेकर तुर्की और स्वीडन ने बातचीत जारी रखने का फैसला किया है। नाटो, तुर्की, स्वीडन और फिनलैंड के बीच एक संयुक्त स्थायी तंत्र बनाने को लेकर चौथी बैठक अंकारा में संपन्न हुई जिसमें यह फैसला किया गया।
तुर्की के राष्ट्रपति ने बुधवार को एक बयान में कहा, बैठक में स्वीडन ने जुलाई में नाटो शिखर सम्मेलन में सदस्यता को मंजूरी देने की मांग की है। बैठक में स्वीडेन की प्रतिबद्धताओं पर प्रगति का मूल्यांकन किया गया और आगे ठोस कदम उठाने पर सहमति बनी।
इससे पहले बुधवार को ही तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा था कि तुर्की आगामी विलनियस शिखर सम्मेलन में स्वीडेन की नाटो बोली को केवल तभी स्वीकार करेगा जब देश तुर्की विरोधी आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन और फिनलैंड ने पिछले साल नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया था, लेकिन तुर्की से इस आधार पर आपत्ति का सामना करना पड़ा कि दोनों देश प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी और गुलेन आंदोलन के सदस्यों को शरण देते हैं।
फिनलैंड द्वारा इस तरह के संगठनों के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाने के बाद इस साल की शुरूआत में तुर्की ने अंतत: फिनलैंड पर लगाई आपत्ति हटा ली और देश अप्रैल में नाटो का 31वां सदस्य बन गया। लेकिन अंकारा ने स्वीडन पर अपना वीटो बरकरार रखा है।