नई दिल्ली। हिंदुस्तान में हर साल जन्म के 28 दिनों के अंदर 6 लाख नवजात मौत के मुह में समा जाते हैं। नवजातों की मौत का यह आंकड़ा दुनियाभर में सबसे ज्यादा है। यूनिसेफ के द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट से इस बात का पता चलता है जो काफी चिंताजनक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व के एक चौथाई नवजातों की मौत केवल भारत में हो जाती है।
रिपोर्ट में ये कहा गया है कि 80 फीसदी इन मौतों का कोई गंभीर कारण नहीं है। दूसरी तरफ रिपोर्ट ये भी कहती है कि भारत में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर कम हुई है। भारत में 60,000 नवजात की मौत हर साल होती है जो वैश्विक आंकड़े का एक चौथाई है। यूनिसेफ की रिपोर्ट ‘एवरी चाइल्ड अलाइव’ में ये बातें कही गई है।
यूनिसेफ की रिपोर्ट में विश्व के 184 देशों को कवर किया गया है। इसमें भारत को 25.4 फीसदी की नवजात मृत्यु दर (1000 जीवित बच्चों के बीच) के साथ 31वें रैंक पर रखा गया है। जबकि एक साल पहले भारत नवजात मृत्यु दर में 184 देशों में 28वें नंबर पर सबसे पुरी स्थिति में था।
नवजात के पहला 28 दिन बच्चे के सुरक्षित जीवित रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यूनिसेफ के अनुसार, वैश्विक दर के मुताबिक हर 1000 बच्चों में 19 नवजातों की मौत हो जाती है।
वैश्विक स्तर पर 2.6 मिलियन बच्चे जन्म के पहले माह में मर जाते हैं। उनमें 80 फीसदी से ज्यादा मौत बीमारी की सही रोकथाम न होने, समय से पहले जन्म, प्रसव के दौरान जटिलताओं, और न्यूमोनिया जैसे संक्रमण के कारण होती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, हर मां और बच्चे के लिए उत्तम और उचित स्वास्थ्य सेवा मौजूद होनी चाहिए। इसमें साफ पानी, स्वास्थ्य सेवा के लिए बिजली, जन्म के पहले घंटे में स्तनपान, मां-बच्चे के बीच संपर्क आवश्यक कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्तमान में सतत विकास लक्ष्य को पूरा करने से काफी दूर है।