वाशिंगटन, 07 अप्रैल। अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण चीन सागर में चीन अधिकृत द्वीप पर पिछले एक वर्ष में पहली बार चीनी लड़ाकू विमान देखा गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यभार संभालने के बाद यह पहला मामला है। वाशिंगटन, के रणनीति एवं अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के विभाग द एशिया मैरीटाइम ट्रांसपेरेंसी इनीशिएटिव (एएमटीआई) के अनुसार 29 मार्च को उपग्रह तस्वीर में पर्सेल द्वीप समूह में एक द्वीप पर जे-11 चीनी लड़ाकू विमान देखा गया। कल ही श्री ट्रम्प के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की खबरें आ रही थी।
एएमटीआई के निदेशक ग्रेग पोलिंग ने लड़ाकू देखे जाने पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि यह पहला मामला नहीं है लेकिन इस साल का यह पहला मामला है। उन्होंने कहा कि पहले भी इस क्षेत्र में ऐसे ही और लड़ाकू देखे गए हैं। श्री पोलिंग ने बताया कि यह तो निश्चित नहीं है कि विमान कितनी देर वहां रहा परंतु दक्षिण चीन सागर के मानवनिर्मित द्वीपसमूहों पर ऐसे विमानों की सैन्य तैनाती हो चुकी है। अमेरिका पहले भी यह बात कह चुका है कि वुडी द्वीप जो कि एक महत्वपूर्ण व्यापारिक गलियारा है, पर चीन द्वारा नियमित रूप से सैन्य तैनाती किए जाने से दक्षिण चीन सागर में उसकी नीयत सवालिया निशान लगना लाजिमि हैं। इस पर चीनी दूतावास ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की है। हालांकि सैन्यीकरण संबंधी अमेरिका के आरोपों को चीन पहले भी खारिज कर चुका है। मार्च में चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा था कि सुरक्षा कारणों से सुरक्षा उपकरणों को विवादित द्वीपों में रखा गया है। इस बीच नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि द्वीप पर लड़ाकू विमान दिखना कोई नई बात नहीं है, क्योंकि उसका पहले ही पूरी तरह सैन्यीकरण हो चुका है।