संयोग गुप्ता
जूबा। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण सूडान की राजधानी में भीड़भाड़ वाले एक
नागरिक सुरक्षा शिविर में पहली बार कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है जो कि लचर स्वास्थ्य सेवा वाले
देश के लिए चिंता का विषय है। दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन की एक प्रवक्ता फांसेसा मोल्ड ने कहा कि
संयुक्त राष्ट्र को इस बात की जानकारी मिली है कि स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यहां जूबा के
एक शिविर में दो मामलों की पुष्टि की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आपात तैयारी प्रबंधक डॉक्टर मैथ्यू टूट ने कहा कि
दोनों ही संक्रमित व्यक्ति दक्षिणी सूडान के हैं और करीब 20 साल के हैं। दक्षिणी सूडान अफ्रीका के उन देशों में
शामिल है जहां सबसे अंत में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई और अब तक कुल 174 लोग संक्रमित हो
चुके हैं। मध्य अप्रैल तक देश भर में संयुक्त राष्ट्र की ओर से संचालित नागरिक सुरक्षा शिविरों में 190,000
लोग रह रहे थे। पांच साल तक चले गृह युद्ध को समाप्त करने के लिए हुए शांति समझौते के एक साल बाद तक
इतनी बड़ी संख्या में लोग शिविरों में रह रहे हैं। जूबा में करीब 30,000 लोग शिविर में रह रहे हैं। अफ्रीका,
पश्चिम एशिया और एशिया में शरणार्थी और विस्थापन शिविरों में कोरोना वायरस के फैलने के अनुमान ने
स्वास्थ्य और अन्य सहायता अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है क्योंकि अक्सर ऐसे दूरदराज इलाकों में
चिकित्सीय आपूर्ति की कमी होती है और ऐसे में इस वायरस से लड़ना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। एसोसिएटेड
प्रेस ने पाया कि अप्रैल के अंत तक दुनिया भर में इस तरह के शिविरों में एक करोड़ लोगों की कोरोना वायरस
संक्रमण की जांच हुई। दक्षिण सूडान में सहायता पहुंचाने वाले कर्मियों ने आगाह किया है कि अगर इन भीड़भाड़
वाले शिविरों में कोरोना वायरस संक्रमण फैलता है तो लोगों का उपचार करने के लिए यहां बेहद कम संख्या में
पृथक केंद्र हैं। देश की स्वास्थ्य प्रणाली लगभग सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गैर सरकारी संगठनों पर
निर्भर है।