लंदन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने कहा है कि विकासशील देशों में जैसे-
जैसे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का प्रकोप बढ़ रहा है, अधिकारी कुछ निश्चित आबादी पर संक्रमण के असंगत
प्रभाव को लेकर खास तौर से चिंतित हैं। इनमें वे महिलाएं भी शामिल हैं जिनमें प्रसव के दौरान जान जाने का
“जोखिम बढ़ा हुआ” है। महासचिव तेदरोस अधानोम गेब्रेयसस ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में कहा कि डब्ल्यूएचओ उन लोगों पर
प्रभाव को लेकर विशेष तौर पर चिंतित है “जिन्हें स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने में संघर्ष करना पड़ता है ..जैसे महिलाएं, बच्चे
और किशोर।” तेदरोस ने कहा कि वैश्विक महामारी ने कई देशों में स्वास्थ्य तंत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया है और आगाह
किया है कि कई महिलाओं के प्रसव के दौरान मरने का जोखिम बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने
हाल ही में माताओं से उनके नवजात शिशुओं में कोरोना वायरस फैलने के जोखिम की जांच की और पाया कि
स्तनपान का लाभ वायरस के प्रसार के जोखिम को दूर करता है। ऐसा उन गर्भवती महिलाओं में भी देखा गया जो
संक्रमित हैं या जिनमें संक्रमण का संदेह है।उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ युवा लोगों को लेकर भी चिंतित है जो
बेचैनी एवं अवसाद के प्रति संवेदनशील होते हैं। संगठन ने ध्यान दिलाया कि कुछ देशों में एक तिहाई से ज्यादा
किशोरों को स्कूल में विशेष तौर पर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मदद प्रदान की जाती है।