वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सभी देशवासियों को कोरोना वायरस से
लड़ने के वास्ते जन स्वास्थ्य उपाय के तौर पर स्वेच्छा से गैर-चिकित्सीय मास्क का इस्तेमाल करने का सुझाव
दिया है। अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का हवाला देते हुए ट्रम्प ने लोगों से स्कार्फ या घर
पर बने कपड़े के मास्क से चेहरा ढकने लेकिन चिकित्सा वाले मास्क स्वास्थ्यकर्मियों के लिए छोड़ने का अनुरोध
किया है। उन्होंने कहा, ‘‘सीडीसी चिकित्सा या सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल करने की सिफारिश नहीं कर रही है।
इनकी जरूरत अमेरिकियों की जान बचाने के लिए काम कर रहे चिकित्साकर्मियों को है। चिकित्सा रक्षा उपकरण
अग्रणी मोर्चे पर काम कर रहे स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए रखे होने चाहिए जो महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे हैं।’’
सीडीसी ने सिफारिश की है कि अमेरिकी साधारण कपड़े का मास्क पहन सकते हैं जो या तो ऑनलाइन खरीदा गया
हो या घर पर बना हो। कोरोना वायरस से अमेरिका में 7,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और
2,70,000 लोग संक्रमित हुए हैं। राष्ट्रपति ने लोगों से हाथ धोते रहने की भी अपील की है। नए आंकड़ों के
आधार पर सीडीसी ने कहा कि यह विषाणु निकटता से बात करते समय, खांसने या छींकने से तेज गति से फैलता
है। वहीं, अमेरिका के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस सामान्य रूप से सांस लेने से भी
फैल सकता है। उन्होंने हर किसी को मास्क पहनने की सलाह दी है। अनुभवी अमेरिकी विशेषज्ञ एंथनी फॉसी ने
फॉक्स न्यूज को बताया कि मास्क पर दिशा निर्देश बदले जाएंगे क्योंकि हाल ही में सामने आया है कि यह विषाणु
तब भी फैल सकता है जब लोग महज बात कर रहे होते हैं। इस बीच, ट्रम्प ने कहा कि मलेरिया के इलाज में
दशकों से इस्तेमाल की जा रही हाइड्रोक्सीक्लोरोकीन दवाई के कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में अच्छे नतीजे
मिल रहे हैं। ट्रम्प ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम इस विषाणु के इलाज
और रोकथाम में हाइड्रोक्सीक्लोरोकीन और अन्य दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करते रहेंगे और अमेरिकियों को
अपने अध्ययन के बारे में पूरी तरह सूचित करेंगे।’’ उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब अमेरिका के संघीय और
औषध प्रशासन ने कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में इस दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी। हालांकि, कोरोना
वायरस पर व्हाइट हाउस कार्य बल के एक शीर्ष सदस्य ने अभी किसी नतीजे पर पहुंचने को लेकर आगाह किया है
क्योंकि इस संबंध में जांच अभी चल रही है। ट्रम्प ने जानलेवा कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी सेना
की भूमिका का विस्तार करते हुए कहा कि युद्ध जैसी इस स्थिति से लड़ने के लिए कोई भी उससे बेहतर तैयार
नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सशस्त्र बलों की भूमिका का विस्तार कर रहे हैं क्योंकि अमेरिकी सेना के मुकाबले कोई
भी युद्ध जीतने के लिए बेहतर तैयार नहीं है और हम युद्ध लड़ रहे हैं। अदृश्य दुश्मन से।’’ अमेरिका कोरोना
वायरस महामारी के कारण विदेशों में फंसे अपने करीब 37,000 नागरिकों को स्वदेश ला चुका है तथा उसकी
22,000 और नागरिकों को लाने की योजना है जिनमें से ज्यादातर दक्षिण एशिया में फंसे हैं खासतौर से भारत
में। दूतावास मामले के प्रधान उप सहायक मंत्री इयान ब्राउनली ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने 400 से अधिक
विमानों से 60 से अधिक देशों से अमेरिका के 37,000 नागरिकों को निकाला। इनमें अकेले पिछले हफ्ते स्वदेश
लाए गए 20,000 से अधिक अमेरिकी शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका के विदेश विभाग की आने वाले
दिनों में 70 उड़ानों की योजना है जिसमें हजारों और अमेरिकी नागरिकों को लाया जाएगा। वहीं, अमेरिका के
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अमेरिका के अगर वे लाखों लोग भी कोरोना वायरस की चपेट में आ जाते हैं जिनके पास
स्वास्थ्य बीमा नहीं है तो सरकार उन्हें बीमा देगी।