संयोग गुप्ता
वाशिंगटन। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पिछले चुनाव प्रचार अभियान के
एक सहयोगी ने एक संघीय वाद में कहा है कि वह ‘‘गैरकानूनी तरीके से जासूसी’’ के शिकार हुए हैं। रूस के कथित
रूप से दखल मामले में एफबीआई की जांच के दौरान वह गोपनीय निगरानी वारंट (आदेश) का शिकार हुए थे।
कार्टर पेज की ओर से दायर वाद में एफबीआई और न्याय विभाग के अधिकारियों द्वारा 2016 और 2017 में
विदेश खुफिया निगरानी अदालत को सौंपी गईं अर्जियों में की गई अनेक ऐसी गलतियों का आरोप लगाया गया है
जो उन्होंने कार्टर पर रूस का एजेंट होने के संदेह में उनकी बात छिप कर सुनने के संबंध में लिखी थीं। वाद में
कहा गया, ‘‘रूस के साथ डॉ पेज के संबंध के बारे में चूंकि कोई भी तथ्य कभी प्रमाणित नहीं किया जा सका,
इसलिए उन्हें निशाना बनाने के लिए एफआईएसए वारंट की मांग या उसे हासिल करने की कभी कोई जरूरत ही
नहीं थी।’’ इस चुनिंदा तरीके से की गई निगरानी की मंजूरी देने में शामिल एफबीआई और न्याय विभाग के पूर्व
अधिकारियों ने अपनी गवाही में कहा कि अगर उन्हें पता होता कि मुद्दे इस हद तक जाएंगे तो उन्होंने ऐसा नहीं
किया होता, और एफबीआई ने अदालत में आवेदनों की सत्यता और पूर्णता के लिए 40 से भी अधिक सुधारात्मक
कदम उठाए हैं। शुक्रवार को वाशिंगटन की संघीय अदालत में दायर वाद में कहा गया कि एफबीआई ने क्रिस्टोफर
स्टीले की सूचनाओं पर जरूरत से ज्यादा भरोसा किया, जो ब्रिटेन के पूर्व जासूस थे और 2016 के चुनाव प्रचार
के दौरान ट्रंप और रूस के बीच कथित संबंध के बारे में उनकी पड़ताल के लिए डेमोक्रेट्स ने धन दिया था।