संयोग गुप्ता
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन
के बीच राष्ट्रपति चुनाव की पहली आधिकारिक बहस (प्रेसडेंशियल डिबेट) में अमेरिका में नस्लवाद का मुद्दा उठा
जिसमें ट्रंप ने श्वेत नस्ल का वर्चस्व मानने वाले वाद की निंदा करने से परहेज किया। ओहायो में बहस का
संचालन कर रहे क्रिस वालास के ट्रंप से पूछा,‘‘क्या आज रात आप श्वेत नस्ल का वर्चस्व स्थापित करने वाले और
आतंकवादी संगठनों की निंदा करने को तैयार हैं?’’ इस पर ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं वह सब कुछ कहूंगा जो मुझे वाम
पंथ की ओर से दिखाई देगा, दक्षिण पंथ की ओर से नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुछ भी करूंगा, मैं शांति देखना
चाहता हूं।’’ इस संबंध में और पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा,‘‘ मुझे कोई नाम बताइए।’’ इसपर बाइडेन ने कहा, ‘‘प्राउड
ब्वायज।’’ प्राउड ब्वायज एक धुर दक्षिणपंथी संगठन है जिसे नस्ली नफरत फैलाने वाला संगठन करार दिया जाता
है। तब ट्रंप ने कहा, ‘‘प्राउड ब्वायज। पीछे चलें, पीछे हटें।’’ इसके बाद उन्होंने वामपंथी फासीवाद विरोधी संगठन
पर ध्यान केन्द्रित किया जिसे एंटीफा के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘…किसी को एंटीफा और वाम
के बारे में कुछ करना पड़ेगा क्योंकि यह समस्या दक्षिणपंथ की ओर से नहीं है…यह वामपंथ की समस्या है।’’ वहीं
बाइडेन ने कहा,‘‘ ये ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने नस्ली घृणा, नस्ली विभेद पैदा करने के लिए हर चीज का इस्तेमाल
डॉग विसिल (एक खास तरह के लोगों या समुदाय के लिए भेजे गए संदेश, जिन्हें अन्य लोग नहीं समझ पाते) के
तौर पर किया। यह एक व्यक्ति हैं जो अफ्रीकी अमेरिकियों की मदद करने की बात तो करते हैं, लेकिन कोरोना
वायरस के कारण एक हजार अफ्रीकी अमेरिकियों में से एक की मौत हो गई है, और अगर यह जल्दी कुछ नहीं
करते, तो साल के अंत तक 500 में से एक की मौत होगी, 500 अफ्रीकी अमेरिकियों में से एक की।’’ गौरतलब
है कि देश में फासीवाद विरोधी वामपंथी राजनीतिक संगठन के तौर पर एंटीफा के कार्यकर्ताओं ने नस्लवाद विरोधी
प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था लेकिन इसके बहुत कम सबूत हैं कि ये लोग प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के लिए
जिम्मेदार हैं।