न्यूयॉर्क। आर्थिक मंदी से जूझ रहे अमेरिकियों की मदद के लिए लाए गए राष्ट्रपति डोनाल्ड
ट्रंप के नये शासकीय आदेशों का दायरा ऐसे किसी भी वैश्विक महामारी राहत विधेयक की तुलना में कम है जो
कांग्रेस पारित करेगी। ट्रंप ने दूसरे महामारी राहत विधेयक की बातचीत पर गतिरोध बनने के बाद शनिवार को यह
आदेश पारित किया। डेमोक्रेट्स ने शुरुआती तौर पर 3.4 हजार अरब डॉलर का पैकेज मांगा था लेकिन बाद में कहा
कि वह अपनी मांग को कम कर दो हजार अरब डॉलर कर रहे हैं। वहीं रिपब्लिकन पार्टी ने एक हजार अरब डॉलर
की योजना का प्रस्ताव दिया था। ट्रंप के कदम कितने प्रभावी होंगे इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। पूरक बेरोजगारी
बीमा भुगतान के संबंध में आदेश राज्य के योगदान पर निर्भर करता है जो अमल में नहीं भी आ सकता है।वेतन
भुगतान कर अदायगी स्थगन कर्मचारियों के लिए खर्च करने योग्य अधिक राशि के रूप में बदल सके इसकी
संभावना भी कम है क्योंकि यह इस बात पर निर्भर होगा कि नियोक्ता इसे लागू कैसे करते हैं। ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव
से तीन महीने पहले यह सब करके चुनाव में बढत हासिल करना चाहते हैं। नवंबर के चुनावों में उनका सामना
डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन से होगा। वह अब तक चार शासकीय आदेश लेकर आए हैं जिनमें पहला है
बेरोजगारी बीमा जिसके तहत प्रकोप के दौरान नौकरी गंवाने वालेलाखों अमेरिकियों को पूरक संघीय बेरोजगारी लाभ
दिया जाएगा। इस आदेश के तहत प्रत्येक हफ्ते 400 डॉलर का भुगतान किया जाएगा। दूसरा आदेश पेरोल कर
अदायगी स्थगित करने से जुड़ा है जिसके तहत नियोक्ता पेरोल कर के कर्मचारी वाले हिस्से को लेने में देरी कर
सकते हैं। इनमें वेतन पर 6.2 प्रतिशत समाजिक सुरक्षा कर भी शामिल है। इसका मकसद हाथ में आने वाला
वेतन बढ़ाना है। तीसरा आदेश बेदखल किए जाने के संकट से जुड़ा हुआ है। ट्रंप ने राजकोष और आवासन एवं
शहरी विकास विभागों को कोषों की पहचान कर उन लोगों को मदद देने का निर्देश दिया है जो मासिक किराया देने
में समस्या का सामना कर रहे हैं। वहीं चौथा आदेश सरकार समर्थित विद्यार्थी कर्ज से जुड़ा हुआ है जिसके तहत
विद्यार्थियों द्वारा लिए गए कर्ज पर रोक की अवधि बढ़ाई गई है। इस प्रतिबंध के तहत देर से भुगतान किए जाने
पर लगने वाला ब्याज माफ किया गया है।