टुलसा। महामारी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मार्च के बाद टुलसा में हो रही
पहली चुनाव प्रचार रैली के दौरान शनिवार को रैली स्थल के बाहर उनके समर्थकों और विरोधियों में भिड़त हो गई
जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य चिंताओं और पुलिस द्वारा काले लोगों की
हत्या के मद्देनजर कार्यक्रम के कारण हिंसा होने के भय के चलते इतने समय से रैली नहीं हो रही थी। रैली के
बाहर जुटे प्रदर्शनकारियों ने “ब्लैक लाइव्स मैटर’’ के नारे लगाए। शहर के केंद्र में स्थित मार्गों पर सैकड़ों लोगों ने
मार्च किया और कई बार यातायात को भी बाधित किया लेकिन पुलिस ने शनिवार दोपहर तक केवल एक व्यक्ति
की गिरफ्तारी की जानकारी दी है। टुलसा पुलिस ने कहा कि उन्होंने एक महिला को गिरफ्तार किया है जो राष्ट्रपति
ट्रंप की रैली के लिए निर्धारित स्थान के बाहर एक सुरक्षित हिस्से में मौजूद थी। लाइव वीडियो में यह महिला
शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए जमीन पर बैठी दिख रही थी जब अधिकारी उसका हाथ पकड़ कर उस खींचने लगे और
बाद में उसे हथकड़ी लगा दी। महिला ने अपना नाम शेला बक बताया है और वह टुलसा की ही रहने वाली है।
पैदल चल रहे प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और कुछ लोग कई बार ट्रंप समर्थकों के साथ उलझे भी जो संख्या में
उनसे ज्यादा और चिल्ला रहे थे “सभी जिंदगियां मायने रखती हैं।” बाद में शाम में, सशस्त्र व्यक्तियों का एक
समूह प्रदर्शनकारियों के पीछे-पीछे चलने लगा। जब प्रदर्शनकारियों ने एक चौराहे को बाधित किया उस वक्त ट्रंप की
शर्ट पहना एक व्यक्ति ट्रक से उतरा और प्रदर्शनकारियों पर मिर्ची स्प्रे से छिड़काव कर दिया। बाद में पुलिस ने एक
गैस के छिड़काव के जरिए समूह को वहां से हटाने की कोशिश की। ट्रंप के समर्थक 19,000 सीट वाली बीओके
सेंटर के भीतर उस कार्यक्रम के लिए जुटे जिसे मार्च में कोविड-19 के चलते लागू प्रतिबंधों के बाद से देश में सबसे
बड़ा इंडोर कार्यक्रम माना जा रहा था। राष्ट्रपति के कई समर्थकों ने जन स्वास्थ्य अधिकारियों की अनुशंसा के
बावजूद मास्क नहीं पहना हुआ था। कुछ लोग हफ्ते की शुरुआत में ही कार्यक्रम स्थल के बाहर शिविर बनाकर ठहरे
हुए थे। रैली में शामिल होने वाले लोगों की संख्या अनुमान के हिसाब से कम थी। ट्रंप को स्टेडियम के बाहर रैली
में नजर आना था लेकिन उस कार्यक्रम को अचानक रद्द कर दिया गया था।