17 Nov
अम्मान। जॉर्डन के जातारी शरणार्थी कैंप में आखिरकार दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट शुरू कर दिया गया। सीरियाई सीमा के पास बने इस कैंप से 80 हजार लोगों को बिजली मिलेगी। बिजली आपूर्ति से कैंप में बने कई क्लीनिक, दुकानें खुली रहेंगी। सबसे बड़ा फायदा उन बच्चों को होगा जिन्हें अंधेरे के चलते पढ़ाई करने में दिक्कत होती थी। 12.9 मेगावॉट क्षमता वाले सोलर प्लांट के पैनल 33 फुटबॉल मैदान के बराबर इलाके में फैले हैं। इनसे आठ से 14 घंटे तक बिजली आपूर्ति हो सकेगी। यह प्लांट 25 साल तक काम कर सकता है।
कई लोगों को मिला रोजगार
सोलर प्लांट स्थापित करने का काम बीते छह महीने से जारी था। इसके जरिए 75 सीरियाई शरणार्थियों को भी रोजगार मिला। कई छात्रों ने भी इसमें काम किया। अब यह दिन-रात काम करके प्लांट की देखरेख करेंगे। स्थापित करने में जर्मनी सरकार ने आर्थिक मदद भी दी। इसमें कुल 1.75 करोड़ डॉलर का खर्च आया।
बीमारी से बचेंगे बच्चे
पांच साल से कैंप में रह रही तहानी हुसनी ने कहा, “हमें शाम से लेकर सुबह तीन बजे तक बिजली मिलती थी। इतने समय में हमें वॉशिंग मशीन चलाने जैसे जरूरी काम पूरे करना पड़ते थे। अब दिन में बिजली मिलने से बच्चे घर के अंदर ही टीवी देख सकेंगे। वह धूप और धूल में खेलने कम जाएंगे तो कम बीमार पड़ेंगे।”
चौथा सबसे बड़ा शहर बन चुका है कैंप
जॉर्डन का जातारी शरणार्थी कैंप वर्ष 2011 में सीरिया संघर्ष के बाद स्थापित किया गया। इसमें करीब 80 हजार लोग रहते हैं। यहां संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठन आर्थिक व चिकित्सा जैसी मदद मुहैया करवाते हैं। आबादी के लिहाज से यह जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा शहर बन गया है।
खास बातें
– 04 हजार सोलर पैनल लगे हैं
– 13 हजार टन प्रतिवर्ष कैंप से कार्बन उत्सर्जन कम होगा
– 33 फुटबॉल मैदान के बराबर इलाके में फैला है
– 80 हजार लोगों को मिलेगी मुफ्त बिजली