पाकिस्तान। अपनी खेलने-कूदने की उम्र मे वहशी दरिंदे की हवस का शिकार हुई जैनब की रुह को आखिर इंसाफ मिल गया। पाकिस्तान और दुनिया के सभ्य समाज को झकझोर देने वाली इस वारदात के महिने बाद एंटी टेररिस्ट कोर्ट ने दोषी इमरान अली (23) को मौत की सजा सुना दी।
कोर्ट ने इस मामले में काफी तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि दुष्कर्मी को चार बार मौत की सजा मिलनी चाहिए। फांसी की सजा के अलावा दोषी को 25 साल जेल की सजा के साथ 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर शहर में 7 साल की जैनब की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। इस मामले की गूंज चौतरफा सुनाई दी थी और आक्रोश की लपटों ने कानून व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया था और काफी गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘जनाजा जितना छोटा होता है उसका बोझ उतना ही बड़ा होता है।’
पांच जनवरी को लापता हुई थी जैनब-
पांच जनवरी को जैनब कसूर में अपने घर के पास से उस वक्त लापता हो गई थी जब वह ट्यूशन के लिए जा रही थी। जैनब के माता पिता उमरा करने के लिए सऊदी अरब गए हुए थे और वह अपनी एक रिश्तेदार के साथ रह रही थी।
अपहरण के बाद एक सीसीटीवी फुटेज में वह पीरोवाला रोड के पास एक अजनबी के साथ जाती दिखाई दी थी। इसके बाद नौ जनवरी को शाहबाज खान रोड के पास कचरे के एक ढेर से उसका शव बरामद किया। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी और पुलिस ने इस वारदात के बाद 1,000 से ज्यादा लोगों का डीएनए परीक्षण किया था।
पड़ोसी ही निकला नाबालिग के दुष्कर्म का दोषी-
पुलिस की जांच के बाद इस बात का पता चला कि वारदात को अंजाम देने वाला व्यक्ति पीड़ित का पड़ोसी था। उसके डीएनए का मिलान पीड़ित के शरीर पर मिले नमूने से हो गया था।
23 जनवरी को पुलिस ने आरोपी पड़ोसी इमरान अली को गिरफ्तार कर लिया था। इमरान सीरियल किलर है और उसने ही नाबालिग बच्ची का दुष्कर्म करने के बाद उसका कत्ल किया था। इमरान जैनब के परिवार वालों से घुलामिला हुआ था और अक्सर उसके घर आता-जाता रहता था।
सुनवाई के दौरान इमरान के खिलाफ कुल 56 गवाह पेश किए गए। अभियोजन पक्ष कोर्ट में कहा कि फोरेंसिक रिपोर्ट और पोलिग्राफी टेस्ट से यह साबित होता है कि इमरान ने ही जैनब की रेप के बाद हत्या की है।