जापान में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण चिकित्सा व्यवस्था चरमराई

asiakhabar.com | April 18, 2020 | 5:17 pm IST
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तोक्यो। जापान में कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण उसकी आपात
चिकित्सा प्रणाली बुरी तरह चरमरा गई है जिसकी वजह से अस्पताल बीमार लोगों का उपचार नहीं कर पा रहे हैं
और उनकी जांच करने या उन्हें भर्ती करने से इनकार कर रहे हैं। हाल में बुखार और सांस लेने में दिक्कत से जूझ
रहे मरीज की 80 अस्पतालों ने जांच करने से इनकार कर दिया और उसे एम्बुलेंस में घंटों तोक्यो में घूमकर ऐसे
अस्पताल की तलाश करनी पड़ी जो उसका उपचार कर सके। ‘जापानीज एसोसिएशन फॉर एक्यूट मेडिसिन’ और
‘जापान सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन’ ने कहा कि कई अस्पतालों के आपात कक्ष हृदयाघात और बाहरी चोट से
जूझ रहे मरीजों का भी उपचार करने से इनकार कर रहे हैं। पहले ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जापान ने क्लब एवं
जिम जैसे संक्रमण से प्रभावित स्थानों पर सख्ती करके कोरोना वायरस को नियंत्रित कर लिया है लेकिन ऐसा नहीं
हुआ। इस संक्रमण से जापान की चिकित्सा व्यवस्था की कमजोरी उजागर हो गई है जिसे उच्च गुणवत्ता की बीमा
प्रणाली और किफायती दाम के लिए सराहा जाता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक दूरी का पालन

करने की लोगों की अनिच्छा के अलावा सरकारी अक्षमता और सुरक्षात्मक उपकरणों का अभाव इसका कारण है।
जापान के अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तरों, चिकित्सा कर्मियों एवं उपकरणों का अभाव है। संक्रमण के मामूली लक्षण
वाले लोगों को भी अस्पताल में भर्ती होने की अनिवार्यता ने अस्पतालों में भीड़ बढ़ा दी है और चिकित्साकर्मियों की
कमी हो गई है। ओसाका विश्वविद्यालय के चिकित्सक ताकेशी शिमाजु ने कहा, ‘‘हम सामान्य आपात चिकित्सा
मुहैया नहीं करा पा रहे।’’ तोक्यो अग्निशमन विभाग ने बताया कि जापान में एंबुलेंस को पांच से अधिक अस्पतालों
द्वारा लौटाए जाने या उनके आपात कक्ष तक पहुंचने के लिए 20 मिनट तक घूमते रहने के मार्च में 931 मामले
सामने आए। अमेरिका स्थित जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के अनुसार जापान में कोरोना वायरस संक्रमण के
10,000 मामले सामने आए हैं और 170 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि अमेरिका और इटली की तुलना में
यहां हालात उतने खराब नहीं हैं लेकिन जापान में यह संक्रमण और तेजी से फैलने की आशंका है।


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