टोक्यो। अपने पांच साल के प्रधानमंत्री काल के दौरान जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अब तक के अपने सबसे मुश्किल राजनैतिक दौर से गुजर रहे हैं। इन आरोपों के कारण उनकी लोकप्रियता में कमी आई है जिसे सत्ता पर उनकी पकड़ कमजोर होने के रूप में देखा जा रहा है।
हाल में यह खुलासा हुआ था कि विवादित भूमि बिक्री से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सांसदों के पास भेजने से पहले उनमें छेड़छाड़ की गई थी। यह मामला वर्ष 2016 में एक सरकारी स्वामित्व वाली भूमिको स्कूलों के एक राष्ट्रवादी संचालक को बेचने से जुड़ा है और तभी से आबे और वित्त मंत्री तारो असो लगातार निशाने पर थे। इसके बाद आसो को पद से हटा दिया गया। यह सौदा प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पत्नी की सांठगांठ से हुआ था। यह सौदा बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर किया गया तथा इस दौरान यह भी आरोप लगा कि कम मूल्य पर समझौते को अंजाम तक पहुंचाने के पीछे राजनैतिक शक्तियों का हाथ था।
आबे ने लोगों से माफी मांगी
इससे पहले वित्त मंत्रालय के परिवर्तित दस्तावेज पर शिंजो आबे ने कहा था, ‘इससे संपूर्ण प्रशासन का भरोसा उठ सकता है। प्रशासन का मुखिया होने के नाते मैं पूरी तरह जवाबदेही महसूस करता हूं। मैं सभी लोगों से माफी मांगता हूं।’ प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह सभी तथ्यों को स्पष्ट करने का प्रयास करना चाहते हैं। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसा फिर नहीं हो।