बर्लिन। जर्मनी के कैथोलिक चर्च में यौन शोषण से निपटने में विफल रहने पर म्यूनिख और
फ्रीसिंग के आर्कबिशप कार्डिनल रेनहार्ड मार्क्स ने पोप फ्रांसिस को अपना इस्तीफा देने की पेशकश की है।
आर्चडीओसीज द्वारा प्रकाशित एक बयान में इसका खुलासा हुआ है। मार्क्स ने 21 मई को पोप को एक पत्र लिखा
था, जिसके हवाले से शुक्रवार को बयान में कहा गया, संक्षित में कहूं, तो पिछले दशकों में चर्च के अधिकारियों के
द्वारा यौन शोषण के रूप में मचाई गई तबाही के लिए जिम्मेदारी साझा करना मेरे लिए जरूरी है। पत्र में आगे
लिखा गया, पिछले 10 वर्षों की जांच और विशेषज्ञ रिपोटरें में लगातार दिखाया गया है कि इन सबमें न केवल
व्यक्तिगत विफलताएं और प्रशासनिक गलतियां थीं, बल्कि कई संस्थागत या प्रणालीगत विफलता भी रही है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार आर्चडीओसीज के बयान में कहा गया है कि पोप फ्रांसिस ने जर्मन
कार्डिनल से कहा था कि जब तक इस मामले पर कोई फैसला नहीं आ जाता, तब तक वह अपने धर्माध्यक्षीय
मंत्रालय में सेवा करना जारी रखें। अप्रैल में मार्क्स को जर्मनी के ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित किया जाना था,
लेकिन कैथोलिक चर्च में यौन शोषण का शिकार हुए पीड़ितों द्वारा आलोचना किए जाने के बाद इसे खारिज कर
दिया गया। म्यूनिख और फ्रीसिंग के महाधर्मप्रांत में यौन शोषण के मामलों पर एक विशेषज्ञ रिपोर्ट के इस साल
प्रकाशित होने की उम्मीद है।