जमीन में घूमने वाली मछली के बारे में कभी सुना है, जानें अनोखी मछली की कहानी

asiakhabar.com | February 22, 2018 | 4:36 pm IST

मल्टीमीडिया डेस्क। बचपन में यह कविता सबने पढ़ी सुनी होगी कि मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है। मगर, क्या आज तक किसी ने आपको जमीन में चलने वाली मछली के बारे में बताया। अगर नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसी मछली के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दलदल में रेंगती है और पानी के बिना भी जिंदा रहती है।

दरअसल, थाईलैंड में पाई जाने वाली मडस्किपर मछली पानी के बाहर भी जिंदा रह सकती है। यह दलदली जमीन पर रेंगकर चलती है। पानी के बाहर यह न सिर्फ जिंदा रहती है, बल्कि कीडें, मकोड़ों को अपना शिकार बनाती है। मडस्किपर ही एक मात्र ही मछलियों की ऐसी प्रजाति है, जो उभयचर है, यानी पानी और जमीन दोनों में जिंदा रहत सकती है।

हालांकि, प्रकृति में कई अन्य उभयचर प्राणी जैसे मेंढक और मगरमच्छ भी हैं। वे जल और थल दोनों स्थानों पर रहते हैं। उन्हीं की तरह ही मडस्किपर भी पानी और जमीन दोनों जगहों पर रह सकती है। प्रशांत महासागरीय इलाके में मडस्किपर मछली पाई जाती हैं।

सामान्य मछलियों के उलट इस मछली के शरीर की बनावट भी कुछ अलग ही होती है। इसका शरीर पानी के अंदर और बाहर समान संतुलन बनाने रखने के लिए उपयुक्त होता है। इसके शरीर में बने दो स्पंज पाउच होते हैं, जिनकी वजह से यह ऐसा कर पाती है।

इन दो थैलेनुमा खोल में यह पानी भरकर ही जमीन पर आती है और उसी से अपने गलफड़ों को गीला रखती है। जब दोनों थैलियों का पानी खत्म हो जाता है, तो यह अपने मुंह से सांस लेना शुरू कर देती है। लिहाजा, यह मछली कई घंटों तक पानी के बाहर भी जिंदा बनी रहती है।


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