टोक्यो। जापान ने कहा कि वह अपने समुद्री खाद्य उत्पादों के आयात पर पाबंदी लगाने की चीन की कार्रवाई का मुकाबला विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के तहत करेगा। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनो ने बुधवार को यह बात कही। गौरतलब है कि जापान के फुकुशिमा परमाणु बिजली घर (एनपीपी) के शोधित पानी को समुद्र में वापस छोड़े जाने को लेकर चीन ने पिछले दिनों जापान के समुद्री खाद्य उत्पादों का आयात पर रोक लगा दी है।
जापान के संवाद समिति क्योडो ने कल एक रिपोर्ट में कहा कि जापान सरकार चीन की कार्रवाई के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में मुकदमा दायर करने का विचार कर रही है। मात्सुनो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “इस तरह की कार्रवाई (चीन की कार्रवाई) को बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जा सकता। हम डब्ल्यूटीओ की व्यवस्था के अंतर्गत आवश्यक कार्रवाई करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि फुकुशिमा परमाणु बिजली घर में कुछ वर्ष पहले बड़ी दुर्घटना हुई थी। जापान ने 24 अगस्त को वहां से शोधित पानी को प्रशांत महासागर में छोड़ना शुरू कर दिया था। पानी छोड़ने से पहले उसमें बड़ी मात्रा में समुद्र का जल मिलाया गया था। इसके खिलाफ चीन के सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने जापान से समुद्री खाद्य उत्पादों का आयात निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
चीन ने फुकुशिमा परमाणु बिजली घर का पानी समुद्र में छोड़ने को लेकर जापान की आलोचना करते हुए कहा है कि वह पानी रेडियोधर्मी विकिरण से दूषित है। चीन ने जापान से कहा है कि इस तरह का ‘गलत काम बंद करें’। चीन के कड़े रुख के विपरीत अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा है कि जापान ने फुकुशिमा बिजली घर से जो पानी समुद्र में छोड़ा है उसमें आबादी और पर्यावरण पर पड़ने वाला रेडियोधर्मी प्रभाव न के बराबर है।