बीजिंग। चीन की अर्थव्यवस्था कोविड के बाद की अस्थिरता और एकाधिकार विरोधी अभियानों से उबरने के लिए संघर्ष कर रही है, ऐसे में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने कम होते व्यापारिक विश्वास को मजबूत करने के प्रयास में अपने कैडर को सूक्ष्म आर्थिक गतिविधियों में ‘अनुचित हस्तक्षेप’ नहीं करने की चेतावनी दी है।
राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता वाली ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ (सीपीसी) के अधिकारी पिछले कुछ वर्षों में अलीबाबा जैसे देश के अरबों डॉलर के व्यवसायों और जैक मा जैसे उद्यमियों पर लगाम लगाने के लिए एकाधिकार विरोधी अभियान में सबसे आगे रहे। जैक मा ने 2019 में अचानक व्यवसाय में सक्रिय नहीं रहने की घोषणा की थी और बाद के समय में ज्यादातर विदेश में रहे हैं।
वह देश की संघर्षरत अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिहाज से निजी क्षेत्र के लिए मित्रवत नीतियों के आश्वासन के बाद इस साल मार्च में स्वदेश लौट आये थे। इस तरह का आश्वासन देने वालों में प्रधानमंत्री ली क्विंग मुख्य रूप से शामिल रहे जिन्हें जैक मा का दोस्त माना जाता है। राष्ट्रपति शी ने भी इस तरह का आश्वासन दिया।
एकाधिकार रोधी अभियानों के तहत कार्रवाई के दौरान कई बड़े उद्योगपतियों को सुरक्षा एजेंसियां अपने साथ ले गईं थीं जिसके बाद निजी कारोबारियों में घबराहट पैदा हो गई। कोविड के दौरान लॉकडाउन की वजह से समस्या और गहरा गई।
सीपीसी सेंट्रल पार्टी स्कूल की पत्रिका ‘स्टडी टाइम्स’ में बुधवार को प्रकाशित एक आलेख में पार्टी कार्यकर्ताओं को ऐसे कारोबारों में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी गयी है।
सेंट्रल पार्टी स्कूल में अर्थव्यवस्था शिक्षण और अनुसंधान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर काई झिबिंग ने कहा, ”सूक्ष्म आर्थिक गतिविधियों में अधिकारियों के अनुचित हस्तक्षेप को रोकना चीन की अर्थव्यवस्था के लिए हमेशा एक महत्वपूर्ण काम रहा है।”