सरांश गुप्ता
बोस्टन। गूगल ने कहा है कि कुछ हैकर्स ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पूर्व उप
राष्ट्रपति जो बाइडेन के अभियान को निशाना बनाने की कोशिश की हालांकि उनके सफल होने के कोई सबूत नहीं
मिले हैं। कम्पनी के ‘थ्रेट अनैलिसिस ग्रुप’ के निदेशक शेन हंटली के ट्विटर पर इसकी जानकारी देने के बाद
कम्पनी ने इसकी पुष्टि की है। हंटली ने कहा कि चीन के समूह ‘हरकेन पैंडा’ ने ट्रम्प के अभियान के सदस्यों और
ईरान के समूह ‘चार्मिंग किटन’ ने बाइडन के अभियान के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने की कोशिश की। इस तरह
के ‘फ़िशिंग’ (हैक करने के) प्रयासों में आमतौर पर फर्जी ईमेल शामिल होते हैं, जिसमें ‘मैलवेयर’ के जरिए पासवर्ड
चुराने या यंत्रों को दूषित करने कोशिश की जाती है। ‘मैलवेयर’ एक प्रकार का वायरस है, जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर
पर किसी की पहचान चोरी करने या गोपनीय जानकारी में सेंध लगाने के लिए किया जाता है। कम्पनी के बयान
के अनुसार दोनों अभियान से जुड़े लोगों के निजी ईमेल अकाउंट पर सेंध लगाने की कोशिश की गयी। गूगल के
एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ यह हाल ही में किया गया है और दोनों अभियानों से जुड़े कुछ लोगों को निशाना बनाया
गया।’’ गूगल ने कहा कि उसने लक्षित उपयोगकर्ताओं को सतर्क किया और मामले को संघीय कानून प्रवर्तन को
सौंप दिया। अटलांटिक काउंसिल के डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च लैब के निदेशक ग्राहम ब्रूकी ने इस घोषणा को साइबर
की मदद से अभियान को प्रभावित करने संबंधी एक प्रमुख खुलासा बताया, जैसा कि 2016 में देखा गया था।
उनका इशारा डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी और हिलेरी क्लिंटन के 2016 के राष्ट्रपति अभियान को रूस द्वारा हैक
किए जाने की ओर था, जिसके खुलासे के बाद 2016 राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप और ट्रम्प की जीत पर
कई सवाल उठे। ट्रम्प और बाइडेन की ओर से हैकिंग के इस हालिया प्रयास पर कोई टिप्पणी नहीं की गयी है।