मेलबर्न। वैज्ञानिकों ने गूगल अर्थ इमेजरी की मदद से सऊदी अरब में पत्थर के 400 ऐसे ढांचों का पता लगाया है, जिनका पहले कभी किन्हीं दस्तावेज में जिक्र नहीं था। इन ढांचों को “गेट्स” के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इनका निर्माण करीब 2000 से 9000 साल पहले किया गया होगा।
यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में अनुसंधानकर्ता डेविड केनेडी ने बताया कि सऊदी अरब को मुख्य रूप से बंजर पहाड़ों और रेगिस्तान के लिए जाना जाता है। हालांकि वहां बड़ी संख्या में पुरातात्विक स्थल भी हैं, जिनका अभी पता लगाना, उन्हें दर्ज करना और नक्शे में दर्शाया जाना बाकी है।
पत्थर के प्राचीन द्वारों के बारे में केनेडी ने बताया, जमीनी स्तर पर आप उन्हें ऐसे नहीं देख सकते, जिससे कि वे आपको समझ आ सकें। लेकिन जब आप करीब 100 फीट ऊपर या उपग्रह से उन्हें देखते हैं तो वे बहुत खूबसूरत लगते हैं। गूगल अर्थ से मिली तस्वीरों में ऊंचाई से ये ढांचे खेतों मे पड़े द्वारों की तरह प्रतीत होते हैं।
उन्होंने कहा, “मैं उन्हें “गेट्स” कह रहा हूं, क्योंकि जब आप उन्हें ऊपर से देखते हैं तो खेत में पड़े सामान्य द्वार की तरह प्रतीत होते हैं।” अनुसंधान कर्ताओं ने बताया कि ये ढांचे ऐसे नहीं प्रतीत होते कि जिससे यह पुष्टि हो कि कभी वहां लोग रहे होंगे। न ही ये जानवरों को फंसाने वाले जाल या शवों के निपटान स्थल प्रतीत होते हैं। यह एक रहस्य है कि इनका मकसद क्या होगा। इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है कि ये ढांचे किन लोगों ने कब बनाए हैं। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि इनका निर्माण 2000 से 9000 साल पहले किया गया होगा।