गर्लफ्रेंड के लिए पिता की हत्या करना चाहता था, online मंगवाया कार बम

asiakhabar.com | January 14, 2018 | 5:42 pm IST
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लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय मूल के लड़के को अपनी पिता की हत्या की साजिश रचने के आरोप में 8 साल जेल की सजा सुनाई है। लड़के के पिता सिख हैं और उन्होंने बेटे की ब्रिटिश गर्लफ्रेंड को स्वीकार करने से मना कर दिया था। गुरतेज सिंह रंधावा नाम के इस युवक पर आरोप है कि उसने पिता को मौत के घाट उतारने के लिए एक ऑनलाइन वेबसाइट से विस्फोटक सामाग्री ऑर्डर की थी।

नवंबर 2017 में किया था गिरफ्तार –

गुरतेज को पिछले साल मई में ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी (एनसीए) ने गिरफ्तार किया था और जिसके बाद शुक्रवार को कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। नवंबर 2017 में बर्मिंघम क्राउन कोर्ट ने गुरतेज को विस्फोटक रखने का दोषी पाया और शुक्रवार को सजा सुनाते हुए जस्टिस चीमा-ग्रब ने कहा ‘इसमें कोई शक नहीं कि लड़के ने ये अपराध गर्लफ्रेंड के साथ रहने और यूनिवर्सिटी अटेंड करने के लिए किया जो बेहद चौंकाने वाला मामला है।’

जा सकती थीं कई जानें –

जज ने अपने आदेश में आगे कहा “आप स्पष्ट रूप से बहुत बुद्धिमान है तथा हेरफेर करने में सक्षम हैं। आपने अपनी प्रेमिका और उसके परिवार को अपने माता-पिता, खासकर अपने पिता को लेकर निरंतर झूठ बोला। रंधावा ने पिता को मारने के लिए जो ऑनलाइन विस्फोटक आर्डर किए उनके भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया था और डिलवरी एड्रेस भी घर से दूर का दिया था।

एनसीए के टिम ग्रेगरी ने बताया, ‘रंधावा द्वारा खरीदा गया विस्फोटक इतना खतरनाक था कि यदि यह ब्लास्ट हो जाता तो कई लोगों की जानें जा सकती थी।’

वह किसी संगठित अपराध या आतंकवादी गतिविधि में शामिल नहीं था लेकिन उसके इस कदम से एक समुदाय को बहुत नुकसान हो सकता था। ट्रायल के दौरान गुरतेज ने बताया था कि उसकी मां को उसके रिलेशनशिप का पता चल गया था, लेकिन उन्हें लड़की पसंद नहीं थी। इसीलिए गुरतेज ने पैरेंट्स को रास्ते से हटाने के लिए इस डिवाइस को ऑर्डर किया था।

इस तरह आया पुलिस की गिरफ्त में –

रंधावा के ऑर्डर के बारे में पुलिस को भनक लग गई थी जिसके बाद पुलिस ने उसका डिलवरी पैकेट बदलकर नकली पैकेट भेज दिया और जैसे ही गुरतेज ने पैकेट खोलकर उसे टेस्ट करने की कोशिश की तो उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ 45 और 18 साल की दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में दोनों को ही छोड़ दिया गया था।


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