जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मिशन ने गजा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफा का दौरा कर वहां की ताजा स्थिति का जायजा लिया। मिशन ने पाया कि कभी स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ रहा यह सबसे बड़ा अस्पताल खाक में बदल चुका है और वहां कई शव पड़े मिले।
उल्लेखनीय है कि दो सप्ताह के सैन्य ऑपरेशन के बाद इजराइली सुरक्षा बल गजा सिटी के अल-शिफा अस्पताल से बाहर आए थे। जिसके बाद शुक्रवार को काफी कोशिशों के बाद डब्लूएचओ का मिशन अस्पताल में दाखिल हो पाया।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनहोम गेब्रेयासिस ने एक्स पर ट्वीट कर अस्पताल के हालात की जानकारी देते हुए बताया है कि डब्ल्यूएचओ और उसके सहयोगी अल-शिफा पहुंचने में कामयाब रहे जो कभी गजा के स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ था। ताजा घटनाक्रम के बाद ये इंसानों की कब्रों का खंडहर है। अस्पताल कॉम्प्लेक्स का अधिकतर हिस्सा नष्ट हो चुका है और ज्यादातर सामान खाक में बदल चुके हैं। डब्लूएचओ टीम को मिशन के दौरान कम-से-कम पांच शव मिले।
टेड्रोस ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा है कि पिछले साल अस्पताल पर इजराइल के पहले हमले के बाद अल-शिफा में बुनियादी सेवाओं को पुनर्जीवित करने के डब्ल्यूएचओ और अन्य सहायता समूहों द्वारा किए गए प्रयास बेकार हो गए हैं और लोग एक बार फिर जीवनरक्षक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो गए हैं। टेड्रोस ने कहा कि गाजा में तत्काल कार्यवाही की जरूरत है क्योंकि अकाल मौत का खतरा मंडरा रहा है, बीमारी फैल रही है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, गाजा के 36 मुख्य अस्पतालों में से केवल 10 आंशिक रूप से कार्य कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों के इजराइल पर भीषण हमले के बाद गजा युद्ध की शुरुआत हुई। हमास आतंकियों के हमले में दक्षिणी इजराइल में 1,170 लोगों की मौत हुई थी और करीब 250 लोगों को बंधक बनाया। हमास को नष्ट करने की कसम खाते हुए इजराइल इस क्षेत्र पर लगातार बमबारी कर रहा है जिसमें अबतक कम से कम 33,137 लोग मारे गए हैं।