संयोग गुप्ता
वाशिंगटन। अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत और
अमेरिका कोरोना वायरस का मिलकर मुकाबला कर रहे हैं और साथ ही दोनों देश मिलकर कोविड-19 टीका भी
विकसित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, जीवन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच
साझेदारी का लाभ पूरी दुनिया तक पहुंचेगा। अमेरिका के मध्य-पश्चिमी हिस्सों से आए भारतीय-अमेरिकी समुदाय
के प्रतिष्ठित सदस्यों के साथ ऑनलाइन संवाद में संधू ने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी के दौरान भारत और अमेरिका
मिलकर काम कर रहे हैं। भारत और अमेरिका के वैज्ञानिक संस्थान एक-दूसरे के संपर्क में लगातार बने हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी फार्मास्यूटिकल कंपनियां टीका विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। इस तरह
की कम से कम तीन साझेदारी चल रही है। गिलियड ने भारत की सात फार्मा कंपनियों के साथ कोविड-19 के
उपचार में उपयोग की जाने वाली दवा रेमडेसिविर के उत्पादन औैर वितरण के लिए साझेदारी की है।’’ संधू ने कहा
कि संकट के दौरान भारत एक भरोसेमंद साझेदार रहा है और उसने अमेरिका समेत 150 से अधिक देशों को दवाएं
एवं उपकरण पहुंचाए। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण जीवनशैली बदल गई है और समय रहते
लॉकडाउन लगाने से ही भारत वायरस के प्रकोप को टाल सका। अब देश में मोटे तौर पर पाबंदियां हट चुकी हैं।
निषिद्ध क्षेत्रों में अब भी ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक है जो संक्रमित हैं और उपचार करवा रहे हैं इसलिए
इन क्षेत्रों में अब भी पाबंदियां हैं। अन्य हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ रही हैं। राजदूत ने कहा कि
देश में संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की दर 65 फीसदी से अधिक है और मृत्यु दर कम है। भारतीय-अमेरिकी
समुदाय के सदस्यों से उन्होंने कहा, ‘‘हमने वैश्विक महामारी से निपटने की व्यवस्था की थी और हालात का
सामना करने के लिए हम पूरी तरह तैयार थे।’’ कोरोना वायरस संकट के बीच संधू भारतीय अमेरिकी समुदाय के
विभिन्न तबकों के साथ लगातार ऑनलाइन संवाद कर रहे हैं। यह इस तरह का छठा संवाद था। पिछले हफ्ते
उन्होंने सिख समुदाय के सदस्यों से बात की थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने
पहले से लंबित मुद्दों के समाधान के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। राजदूत संधू ने कहा, ‘‘एक लोकतंत्र के तौर
पर हमारी प्रतिबद्धता लोगों के कल्याण की है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ हमारे प्रशासन का
मूलमंत्र है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का आह्वान किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम आत्मनिर्भर भारत का
निर्माण करना चाहते हैं जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ा हो।’’ उन्होंने कहा कि सबसे पुराने और बड़े लोकतंत्र
होने के नाते भारत और अमेरिका नैसर्गिक सहयोगी हैं।