कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये अफ्रीका में 10 देशों के पास वेंटिलेटर तक नहीं

asiakhabar.com | April 25, 2020 | 11:23 am IST

एजेंसी

जोहानिस्बर्ग। अफ्रीका में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच इस महाद्वीप के
देश मेडिकल उपकरण हासिल करने की वैश्विक दौड़ में बहुत पीछे छूट गये हैं। स्थिति यह है कि 10 देशों के पास
वेंटिलेटर तक नहीं हैं। समृद्ध देशों द्वारा अधिक कीमत देकर वेंटिलेटर हासिल करने और अफ्रीकी महाद्वीप को
सर्वाधिक वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले अमेरिका से मेडिकल उपकरण नहीं हासिल कर पाने पर अफ्रीकी
अधिकारी पशोपेश में हैं। दरअसल, महाद्वीप में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 25,000 के आंकड़े को पार
कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि महाद्वीप की 1.3 अरब आबादी के लिये 7.4 करोड़ जांच
किट और 30,000 वेंटिलेटर की जरूरत होगी। अफ्रीकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के निदेशक जॉन नेंगसोंग
ने कहा, ‘‘हम विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस महाद्वीप का भविष्य इस बात पर

निर्भर करेगा कि इससे कैसे निपटा जाता है।’’ रेड क्रॉस एवं रेड क्रीसेंट अंतरराष्ट्रीय संघ सोसाइटीज के अफ्रीका
निदेशक साइमन मिस्सिरी ने कहा कि विभिन्न देशों के नेता अपनी जनता को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और
‘‘हम जानते हैं कि मानव व्यवहार कभी-कभी बहुत बुरा हो जाता है।’’ इस संकट ने अफ्रीकी राष्ट्रों को अपनी क्रय
क्षमता बेहतर करने के लिये अफ्रीकी संघ के तहत सामूहिक खरीद की ओर अग्रसर किया है। उसने एक साझा मंच
बनाया। अपने गठन के कुछ ही दिनों के अंदर अफ्रीकी संघ ने एक जर्मन कंपनी से एक लाख जांच किट मंगा
लिये। वहीं, विश्व स्वासथ्य संगठन भी आपूर्ति के लिये विनिर्माताओं से संपर्क कर रहा है। अफ्रीका को पिछले कई
दशकों में संयुक्त राष्ट्र के सबसे बड़े आपात मानवीय सहायता अभियान का फायदा मिला है। इस महीने सैकड़ों
वेंटिलेटर सहित मेडिकल उपकरणों की खेप इथोपिया पहुंच रही है और फिर इसे महाद्वीप के विभिन्न देशों में भेजा
जाएगा। चीन के जैक मा फाउंडेशन की एक अन्य खेप अभी रास्ते में है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 70
से अधिक देशों ने चिकित्सा सामग्री के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है जिससे अफ्रीका के लिये संकट की स्थिति पैदा
हो गई है। नये यात्रा प्रतिबंधों से भी भू सीमा और हवाईअड्डे बंद हो गये हैं जिससे आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह से
प्रभावित हुई है। संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के वरिष्ठ निदेशक (संचालन) अमेर दाउदी ने समाचार एजेंसी
एपी से कहा, ‘‘यह लोगों के टॉयलेट पेपर की जमाखोरी करने जैसा है।’’ संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अफ्रीका अपनी
औषधीय जरूरतों का 94 प्रतिशत आयात करता है। अफ्रीका हेल्थकेयर फेडरेशन के प्रमुख अमित ठक्कर ने कहा,
‘‘अमीर देश गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे हैं।’’


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *