तोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने मंगलवार को कहा कि बुजुर्गों को कोविड-
19 रोधी टीके की ‘बूस्टर’ खुराक देने के कार्यक्रम को तेज करने और कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के
प्रसार को रोकने के मद्देनजर फरवरी में अधिकतर विदेशी नागरिकों के लिए देश की सीमाएं बंद रहेगी।
कोविड-19 के मामले कम होने के बाद जापान ने नवंबर में सीमाएं खोल दी थीं, लेकिन अब नए स्वरूप के कारण
संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है। इसके मद्देनजर अधिकतर विदेशी नागरिकों के लिए एक बार फिर सीमाएं
बंद करने का फैसला किया गया है।
किशिदा ने कहा कि कड़े सीमा प्रतिबंधों ने संक्रमण के प्रसार को धीमा करने में मदद की है और इसके प्रकोप के
बढ़ने से निपटने की तैयारी के लिए समय भी दिया है।
जापान में दिसंबर में संक्रमण के काफी कम मामले थे, लेकिन नए स्वरूप के सामने आने के बाद अचानक मामलों
में काफी वृद्धि देखी गई।
किशिदा ने पिछले साप्ताह तीन प्रांतों ओकिनावा, यामागुची और हिरोशिमा में एक पूर्व-आपात स्थिति की घोषणा
की थी, जिसके तहत भोजनालयों से सेवा के घंटों को कम करने का अनुरोध किया गया था।
देश में दिसंबर में चिकित्सकर्मियों को कोविड-19 रोधी टीकों की ‘बूस्टर’ खुराक दी जानी शुरू हो गई थी, लेकिन
इसकी दर काफी कम है। शुक्रवार तक जापान की केवल 0.6 प्रतिशत आबादी को तीसरी खुराक दी गई थी।
विशेषज्ञों ने सरकार से बुजुर्गों को ‘बूस्टर’ खुराक देने के कार्यक्रम को तेज करने का आग्रह किया है।
जापान के स्वास्थ्य मंत्री शिगयुकी गोतो ने टीकाकरण दर कम होने के लिए आयातित टीकों की कमी के बजाय
स्थानीय नगर पालिकाओं द्वारा तैयारियों में देरी को जिम्मेदार ठहराया है।
कड़ों के अनुसार, जापान में सोमवार को संक्रमण के 6,438 नए मामले सामने आए थे। वहीं, तोक्यो में पिछले
सप्ताह की तुलना में आठ गुना अधिक 871 दैनिक मामले सामने आए थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतर नए मामले ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप के हैं।