तेहरान। ईरान ने उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में उठ रहे कदमों का आज स्वागत किया लेकिन चेतावनी दी कि अमेरिका इस संबंध में किसी भी भूमिका के लिए पात्र नहीं है क्योंकि उसने अपने वचनों का सम्मान नहीं किया है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच भेंटवार्ता क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थायित्व की दिशा में जिम्मेदार एवं प्रभावी कदम है। वैसे मंत्रालय के पव्रक्ता बहराम घासेमी ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति कायम करने की ऐतिहासिक नयी पृष्ठभूमि दोनों प्रधान पक्ष ही बिना किसी अन्य देश के दखल के तैयार करें।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘खासकर परमाणु करार के संबंध में ईरान का पिछले 40 साल का अनुभव यह है कि अमेरिकी सरकार मर्यादापूर्ण और भरोसेमंद नहीं है और वह अंतरराष्ट्रीय वादों का सम्मान नहीं करती है।’’ ईरान ने प्रतिबंध राहत के एवज में अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाते हुए अमेरिका और पांच अन्य वैश्विक शक्तियों के साथ 2015 में संधि की थी। उसने दलील दी है कि अमेरिका इस संधि का उल्लंघन कर बाहरी दुनिया के साथ उसके व्यापार में टांग अड़ाता रहा है। अब जब 12 मई को उस संधि के नवीकरण की बारी आयी है तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संधि से पूरी तरह हटने की धमकी दी है।