संयोग गुप्ता
केनोशा। अमेरिका में विस्कॉन्सिन के दक्षिणपूर्वी केनोशा शहर में पुलिस द्वारा एक अश्वेत
व्यक्ति को गोली मारे जाने की घटना के बाद शहर में तीसरी रात भी अशांति का माहौल रहा और पुलिस को
प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। वहीं अश्वेत व्यक्ति के अटॉर्नी ने कहा
कि पुलिस द्वारा कई गोलियां मारने के बाद जेकब ब्लेक लकवाग्रस्त हो गए हैं। मंगलवार को अदालत के आसपाल
लगाए गए अवरोधक की तरफ प्रदर्शनकारियों का एक समूह चलकर आया और उसे झकझोड़ना शुरू कर दिया।
इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने इस अवरोधक पर बोतलें और पटाखे भी फेंके जिसके बाद अवरोधक के पीछे खड़े
पुलिसकर्मी आगे बढ़ने लगे। पुलिस की बख्तरबंद गाड़ियां आगे बढ़ीं और भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागे गए।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटने के आदेश दिए लेकिन प्रदर्शनकारियों ने ‘अश्वेत लोगों का जीवन मायने
रखता है’ के नारे लगाए। इसके बाद पुलिस ने रबड़ की गोलियां चलाईं। पीड़ित जेकब ब्लेक के परिवार के अटॉर्नी ने
बताया कि रविवार को पुलिस ‘घरेलू घटना’ को लेकर संबंधित स्थल पर पहुंची थी, जहां पुलिस कर्मियों ने जेकब
ब्लेक को गोली मारी। उन्होंने बताया कि कोई चमत्कार ही होगा जिसके बाद ब्लेक दोबारा चल पाने में सक्षम होंगे।
अटॉर्नी ने गोली चलाने वाले अधिकारी को गिरफ्तार करने और इसमें शामिल अन्य को नौकरियों से निकाले जाने
की मांग की है। जेकब के पिता ने परिवार के अन्य सदस्यों और वकीलों के साथ संवाददाताओं से बात करते हुए
कहा, ‘‘उन्होंने मेरे बेटे को सात बार गोली मारी, सात बार…जैसे मेरा बेटा कोई मायने ही नहीं रखता है। लेकिन मैं
बता दूं कि मेरा बेटा मायने रखता है. वह एक इंसान है और उसका जीवन मायने रखता है।’’ ब्लेक के पिता का
नाम भी जेकब ब्लेक है। अटॉर्नी बेन क्रम्प ने कहा कि 29 वर्षीय ब्लेक का ऑपरेशन हो रहा है। गोली उनके
मेरुरज्जू में लगी है जिससे उनकी रीढ़ में बुरी तरह चोट आई है। वहीं एक अन्य अटॉर्नी ने बताया कि इससे ब्लेक
के शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा है। क्रम्प ने कहा, ‘‘ किसी चमत्कार के बाद ही जेकब ब्लेक दोबारा
चल पाएंगे।’’ ब्लेक की मां जूलिया जैक्सन ने कहा कि केनोशा में हुई क्षति उनके परिवार के विचार और न्याय की
उनकी इच्छा को नहीं दर्शाता है। अगर उनका बेटा भी यह देखता तो उन्हें ‘दुख’ होता। उन्होंने कहा कि गोली लगने
के बाद जब पहली बार वह अपने बेटे से मिलीं तो जेकब ने उनसे कहा, ‘‘ मुझे माफ करें। मैं आप लोगों पर भार
नहीं बनना चाहता हूं। मैं अपने बच्चों के साथ होना चाहता हूं और मुझे लगता है कि मैं दोबारा कभी नहीं चल
पाऊंगा।’’ अटॉर्नी ने बताया कि ब्लेक के तीन बच्चे (तीन साल, पांच साल और आठ साल) गोलीबारी के दौरान कार
में मौजूद थे तथा आठ साल के बच्चे का उस दिन जन्मदिन था।