एजेंसी
तरावा। प्रशांत महासागर के छोटे से द्वीप किरिबाती में चीनी राजदूत के लोगों की पीठ
पर चलने से दुनियाभर में बवाल मच गया है। चीन के राजदूत तांग सोनग्गेन के स्वागत के लिए इंसानों के 'रेड
कार्पेट' बनने पर विवाद पैदा हो गया है। अमेरिका के एक शीर्ष राजदूत के चीनी राजदूत के इस व्यवहार पर
सवाल उठाया और कहा कि सभ्य समाज में इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है।
उधर, अमेरिका की आलोचना के बाद चीन भड़क उठा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है
कि उनके राजदूत परंपरागत स्वागत समारोह में हिस्सा ले रहे थे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ
लिजिन ने कहा कि किरिबाती की स्थानीय सरकार और वहां के लोगों के अनुरोध पर चीनी राजदूत ने स्थानीय
संस्कृति और परंपरा का निर्वहन करने के लिए इंसानों की पीठ पर चले।
झाओ ने कहा कि कुछ लोग इस घटना के जरिए किरिबाती और चीन के बीच रिश्तों को खराब करना चाहते हैं
लेकिन वे सफल नहीं होंगे। बता दें कि सोशल मीडिया पर चीनी राजदूत के बच्चों और पुरुषों की पीठ पर चलने
की तस्वीर वायरल है। इसमें नजर आ रहा है कि एक सफेद शर्ट और भूरे रंग की पैंट पहना व्यक्ति करीब 30
लोगों की पीठ पर से चलकर जा रहा है। ये 30 लोग रेड कार्पेट की तरह से जमीन पर लेटे हुए हैं।
तांग ने कहा कि उन्होंने किरिबाती के साथ राजनयिक संबंध शुरू होने के बाद वहां की यात्रा की थी। वहीं
आलोचकों का कहना है कि यह तस्वीर चीन की औपनिवेशिक सोच को दर्शाता है। बता दें कि किरिबाती प्रशांत
महासागर में एक छोटा सा द्वीप है। यह द्वीप समुद्र के बढ़ते जलस्तर से बचने के लिए जद्दोजहद कर रहा है।
किरिबाती ने ताइवान के साथ रिश्ता तोड़कर चीन के साथ दोस्ती जोड़ी है। इस द्वीप पर चीन का स्पेस ट्रैकिंग
स्टेशन भी स्थित है। चीन अब किरिबाती के जरिए प्रशांत महासागर में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है जो अब
तक अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का प्रभाव क्षेत्र रहा है।