सियोल। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपनी विस्तारित यात्रा के दौरान रूस के एक सुदूर पूर्वी शहर में स्थित अत्याधुनिक लड़ाकू विमान बनाने वाली एक फैक्टरी का दौरा किया। किम के रूस के दौरे से चिंतित अमेरिका और अन्य देशों ने रूस और उत्तर कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा कि वे हथियार हस्तांतरण का कोई समझौता नहीं करें।
किम ने हथियार एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े कई स्थलों का दौरा किया। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकातें की हैं। इनके कारण अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि किम अत्याधुनिक हथियारों या प्रौद्योगिकी के बदले रूस को गोला-बारूद की आपूर्ति करेंगे, जिसका इस्तेमाल वह यूक्रेन में युद्ध के लिए कर सकता है। रूस और उत्तर कोरिया पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हैं तथा उन्हें अलग-थलग कर दिया है। ऐसे में ये दोनों देश अपने संबंधों को गहरा कर रहे हैं।
रूस की सरकारी समाचार समिति ‘आरआईए नोवोस्ती’ ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें दिख रहा है कि किम की बख्तरबंद ट्रेन कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर शहर के एक स्टेशन में रुकी और कुछ ही देर बाद किम का काफिला स्टेशन से बाहर निकला।
‘तास’ समाचार एजेंसी ने बताया कि किम और रूस के स्थानीय अधिकारी सु-35 और सु-57 लड़ाकू विमानों का निर्माण करने वाले संयंत्र गए।
पुतिन ने किम के साथ शिखर वार्ता के बाद रूसी मीडिया को बताया कि उत्तर कोरिया के नेता रूस के प्रशांत बेड़े, एक विश्वविद्यालय और अन्य स्थलों को देखने के लिए व्लादिवोस्तोक के निकट जाएंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन को युद्ध के लिए हथियार मुहैया कराने के एवज में किम अपनी वायुसेना और नौसेना के आधुनिकीकरण में रूस से मदद मांगेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या रूस उत्तर कोरिया को उपग्रह हासिल करने में मदद करेगा, पुतिन ने कहा, ‘‘हम इसी लिए यहां हैं। (किम ने) रॉकेट प्रौद्योगिकी में गहरी रुचि दिखाई है। वह अंतरिक्ष विज्ञान में भी विकास की कोशिश कर रहे हैं।’’
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के कार्यालय ने बताया कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के सुरक्षा सलाहकारों ने बृहस्पतिवार को फोन पर बात की और रूस एवं उत्तर कोरिया के बीच संभावित हथियार समझौतों को लेकर ‘‘गंभीर चिंता’’ व्यक्त की।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के कार्यालय ने बताया कि रूस और उत्तर कोरिया को चेतावनी दी गई है कि यदि वे इस प्रकार का कोई समझौता करते हैं, तो उन्हें ‘‘उसकी कीमत चुकानी’’ होगी।
सियोल में इस बात को लेकर व्यापक चिंता है कि गोला-बारूद की आपूर्ति करने के बदले में उत्तर कोरिया को रूस से उन्नत हथियार प्रौद्योगिकियां मिल सकती हैं जिनमें सैन्य जासूसी उपग्रह से संबंधित प्रौद्योगिकी भी शामिल है और यह किम जोंग के सैन्य परमाणु कार्यक्रम से उत्पन्न खतरे को और बढ़ाएगा।
दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्री किम युंग हो ने चेताया कि उत्तर कोरिया और रूस के बीच हथियारों का लेन-देन होने पर दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान कड़ी प्रतिक्रिया देंगे। ये तीनों देश क्षेत्रीय खतरे के मद्देनजर अपना त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग बढ़ा रहे हैं।