वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 जून को सिंगापुर में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ प्रस्तावित अपनी बैठक रद्द कर दी और अपने इस फैसले के लिए उत्तर कोरिया के ‘‘जबरदस्त गुस्से’’ एवं ‘‘खुली शत्रुता’’ को जिम्मेदार बताया। उन्होंने साथ ही इस घटनाक्रम को उत्तर कोरिया के लिए ‘‘जबरदस्त झटका’’ बताते हुए चेतावनी दी कि उसके किसी भी तरह की ‘‘मूर्खतापूर्ण एवं लापरवाह’’ कार्रवाई करने पर अमेरिकी सेना जवाब देने के लिए तैयार है। ट्रंप की घोषणा से कुछ घंटों पहले उत्तर कोरिया ने कथित रूप से अपने परमाणु परीक्षण स्थल को ढहा दिया था। ट्रंप ने किम को एक पत्र लिखा जिसे प्रेस के लिए जारी किया गया। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘मैं आपके साथ वार्ता को लेकर काफी उत्साहित था। दुखद रूप से आपके हालिया बयान में दिखे जबरदस्त गुस्से एवं खुली शत्रुता के आधार पर मुझे लगा कि लंबे समय से प्रस्तावित यह बैठक करना इस समय सही नहीं होगा।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने 24 मई की तारीख वाले अपने पत्र में कहा, ‘‘इसलिए कृपया इस पत्र को संदेश के रूप में देखें कि दोनों पक्षों की भलाई के लिए सिंगापुर शिखर वार्ता नहीं होगी हालांकि इससे दुनिया का नुकसान होगा।’’ ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता को एक साफ चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘आप परमाणु क्षमताओं की बात करते हैं लेकिन हमारी क्षमता इतनी विशाल एवं शक्तिशाली है कि मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि उनका कभी इस्तेमाल ना करना पड़े।’’
किम जोंग उन के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बैठक रद्द
asiakhabar.com | May 25, 2018 | 5:27 pm ISTअमेरिकी प्रशासन ने साफ कर दिया है कि वह ‘‘उत्तर कोरिया का पूर्ण, सत्यापन योग्य एवं अपरिवर्तनीय परमाणु निरस्त्रीकरण’’ देखना चाहता है। लेकिन उत्तर कोरिया ने घोषणा की है कि जब तक वह कथित अमेरिकी आक्रमण से खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता, वह अपना परमाणु प्रतिरोध नहीं छोड़ेगा। बाद में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस एवं अमेरिकी सैन्य नेतृत्व से बात की है और दक्षिण कोरिया एवं जापान दोनों किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं तथा दोनों देशों ने उत्तर कोरिया के खिलाफ किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई का खर्च वहन करने पर सहमति जतायी है। उन्होंने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी सेना जो दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है, जरूरत के हिसाब से तैयार है।।लेकिन ट्रंप ने किम के साथ सिंगापुर में 12 जून या बाद की किसी तारीख को शिखर वार्ता की अब संभावना होने का संकेत करते हुए कहा, ‘‘किम अगर कभी सकारात्मक बातचीत एवं कार्रवाई में जुड़ने का मन बनाते हैं तो मुझे उस मौके का इंतजार रहेगा।’’ ट्रंप ने अपने पत्र में लिखा, ‘‘मुझे लगा कि आपके और मेरे बीच एक शानदार बातचीत की जमीन तैयार हो रही है और आखिरकार बातचीत ही मायने रखती है। मुझे उम्मीद है कि किसी दिन हमारी मुलाकात होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस बेहद महत्वपूर्ण शिखर वार्ता को लेकर आपका मन बदल जाए तो कृपया मुझसे बात करने में या मुझे पत्र लिखने में संकोच ना करें। दुनिया और खासकर उत्तर कोरिया ने स्थायी शांति और शानदार खुशहाली एवं संपदा का एक बड़ा मौका गंवा दिया। यह मौका गंवाना इतिहास का एक दुखद पल है।’’ ट्रंप ने तीन अमेरिकी बंधकों को रिहा करने के लिए किम का आभार जताया। उन्होंने कहा, ‘‘वह एक खूबसूरत पहल थी और हम उसकी काफी सराहना करते हैं।’’ ट्रंप ने साथ ही बैठक को लेकर प्रयासों के लिए उत्तर कोरियाई नेता की सराहना की। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘हम 12 जून को सिंगापुर में तय बैठक, जिसकी दोनों पक्ष लंबे समय से मांग कर रहे थे, को लेकर हमारे हाल की बातचीत एवं चर्चाओं के संबंध में आपके समय, धैर्य एवं प्रयास की काफी सराहना करते हैं। हमें बताया गया था कि उत्तर कोरिया ने बैठक का अनुरोध किया था लेकिन यह बात हमारे लिए बिल्कुल मायने नहीं रखती।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने निजी ट्विटर पेज पर भी पत्र डालते हुए लिखा, ‘‘दुखद रूप से मुझे सिंगापुर में किम के साथ तय शिखर बैठक रद्द करनी पड़ी।’’ अप्रैल में ट्रंप ने किम के बैठक के न्यौते को स्वीकार कर दुनिया को चौंका दिया था। दोनों नेता पूर्व में एक दूसरे के लिए अपमानजनक भाषा इस्तेमाल कर चुके हैं और एक दूसरे को धमकियां दे चुके हैं। यह शिखर वार्ता अमेरिका के किसी मौजूदा राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के नेता के बीच अब तक की पहली बैठक होती।