एजेंसी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्लाह-
2 और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से बुधवार को फोन पर जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बारे
में चर्चा की। श्री खान ने जॉर्डन के किंग को कश्मीर को लेकर भारत की कथित ‘गैर कानूनी’ कार्रवाईयों
और दमनकारी नीतियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भारत के कदम से वहां न केवल मानवीय
संकट गहरा गया है बल्कि क्षेत्र की शांति एवं सुरक्षा भी प्रभावित हुई है।
श्री खान ने कहा कि भारत एकतरफा कदम उठाकर कथित विवादित क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व बदलने की
कोशिश भी कर रहा है। यह न केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का बल्कि अंतरराष्ट्रीय
कानून का भी खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की इन कार्रवाईयों का
नोटिस लेना चाहिए तथा जम्मू-कश्मीर में दबे-कुचले लोगों के लिए अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।
किंग अब्दुल्लाह ने कहा कि जॉर्डन जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति पर काफी करीब से नजर बनाये हुए
है। उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने तथा कश्मीर मसले का बातचीत के जरिये शांतिपूर्ण
समाधान करने की अपील करते हुए कहा कि उनका देश कश्मीर मसले पर अन्य देशों से भी बातचीत
करेगा। श्री खान ने श्री मैक्राें से भी फोन पर कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर बातचीत की। उन्होंने श्री
मैंक्रों से भी उसी बात पर विचार-विमर्श किया जैसा कि उन्होंने जॉर्डन के किंग से किया।
श्री खान ने श्री मैक्रों को पांच अगस्त के बाद कश्मीर घाटी के लोगों की सुरक्षा पर आये कथित खतरे
तथा मौलिक मानवाधिकारों का हो रहे कथित उल्लंघन से भी अवगत कराया। श्री मैक्रोंं ने शांतिपूर्ण
तरीके से सभी मौजूदा मसलों के समाधान के महत्व पर जोर दिया। साथ ही दोनों देशों ने क्षेत्र में शांति
एवं सुरक्षा बहाल करने पर भी जोर दिया।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले
संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को रद्द कर राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में
विभाजित करने का फैसला किया था। इस फैसले के तहत लद्दाख केन्द्रशासित प्रदेश बनाया गया है जो
प्रशासक के अधीन रहेगा जबकि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान
खासा बौखलाया हुआ है तथा वह किसी भी मंच पर कश्मीर मसले को उठाने से बाज नहीं आ रहा है।