बीजिंग। चीन ने अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया द्वारा घोषित परमाणु संचालित पनडुब्बी करार की मंगलवार को निंदा करते हुए कहा कि यह समझौता परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का उल्लंघन है और तीनों देश ‘‘खतरनाक और गलत रास्ते पर जा रहे हैं।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सोमवार को अमेरिका के सैन डिएगो में एक शिखर सम्मेलन के बाद यह घोषणा की। समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया को अमेरिका से कम से कम तीन परमाणु संचालित पनडुब्बियां प्राप्त होंगी।
ऑकस 2021 में अस्तित्व में आया और इसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है। ऑकस का मकसद हिंद-प्रशांत में चीन के आक्रमक रवैया से निपटना है। पनडुब्बी करार इन तीनों देशों के बीच सुरक्षा समझौते का एक भाग है।
समझौते की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऑकस संधि के तहत परमाणु पनडुब्बियों और अन्य अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी पर सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए तीन देशों के प्रयास एक ‘‘शीत युद्ध की मानसिकता’’ थी, जो हथियारों की होड़ को बढ़ावा देगी और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को नुकसान पहुंचाएगी।