‘एक जहाज, जो पहाड़ को चीरकर बाहर की ओर निकल आया है’

asiakhabar.com | November 10, 2017 | 4:08 pm IST

इस फोटो को देखकर सबसे पहले मन में यही भाव उभरता है, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं। दरअसल, ये रूस का एक विशाल जहाज है, जिसने अपने जीवनकाल में कई दुस्साहसी युद्ध, सुरक्षा और बचाव अभियानों को गजब की कुशलता के साथ पूरा किया। मगर जब ये जर्जर-बूढ़ा होकर रिटायर हुआ तो तय होने लगा कि इसे

तोड़कर इसकी धातुओं का अन्यत्र उपयोग कर लिया जाए। मगर रूसी सेना ने इससे कहीं बेहतर विकल्प सुझाया। सेना ने कहा ‘इस जांबाज ने अपने देश के लिए लड़ाइयां लड़ी हैं। इसलिए क्यों न इसे स्मारक बनाकर इसकी मृत्यु के बाद भी देशवासियों के लिए गर्व का कारण बना रहने दिया जाए!’

ये सुझाव बहुत अच्छा और देशभक्ति से ओतप्रोत था, इसलिएयही किया गया। जहाज की शान के लिए बंदरगाहों का शहर कहे जाने वाले मूरमांस्क के पास जमीनी युद्धस्थल जैसे एक इलाके में जहाज को एक पहाड़ी पर टांक दिया गया। तबसे अब तक हर वर्ष हजारों पर्यटक इसे निहारने पहुंचते हैं और रूसी इस पर गर्व करते हैं।


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