वॉशिंगटन। उत्तर कोरिया के साथ बढ़ी तनातनी के बीच अमेरिका ने उसके जहाजों और उन चीनी कारोबारियों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जो उसके साथ व्यापार करते हैं।
नए प्रतिबंधों के बाद अलग-थलग पड़े इस देश पर अपना परमाणु कार्यक्रम बंद करने का दबाव एक बार फिर बढ़ गया है।
दो दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित किया था। अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन नुचिन ने बताया, ‘ये प्रतिबंध उन कंपनियों पर लागू हैं, जो उत्तर कोरिया के साथ लाखों डॉलर के कारोबार में शामिल हैं। हम जहाजरानी और परिवहन कंपनियों, उनके जहाजों पर भी प्रतिबंध लगा रहे हैं। इससे उत्तर कोरिया के कारोबार और उसे युद्धाभ्यास करने को बढ़ावा मिलता है।’
ट्रंप का कहना है कि प्रतिबंधों की घोषणा किम जोंग-उन की सरकार के खिलाफ अधिकतम दबाव बनाने के अभियान का हिस्सा है। अमेरिका ने प्रतिबंधों की सूची को बढ़ाते हुए चीन की उन कंपनियों को भी इसमें शामिल किया है, जिन पर उत्तर कोरिया के साथ कारोबार करने का आरोप है।
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, चीन स्थित कुछ बैंक और कंपनियां संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का उल्लंघन करके उत्तर कोरिया के साथ कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में अमेरिका ने उनके खिलाफ भी प्रतिबंध लगाया है।