प्योंगयॉन्ग। उत्तर कोरिया की सेना में महिलाओं को इतना कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है कि उनकी माहवारी समय से पहले ही रूक जाती है। कुछ ऐसा ही कहना है उत्तर कोरिया की एक पूर्व महिला सैनिक ली सो येआन का। उसका दावा है कि महिला सैनिकों ने व्यापक यौन हिंसा और उत्पीड़न का सामना किया है।
ली सो येआन ने बीबीसी से बातचीत में बताया कि छह से एक साल की सेवा के बाद, हम कुपोषण और तनावपूर्ण माहौल के कारण माहवारी बंद हो जाती है। उनकी महिला सहकर्मी खुश थी क्योंकि अगर पीरियड्स रहते तो उनकी स्थिति और भी बदतर हो जाती। उसने कहा कि एक महिला से उसने बात की तो पता चला कि उसे दो साल तक माहवारी नहीं हुई।
ली सो येआन कहती हैं कि एक महिला के रूप में सबसे बड़ी मुश्किल थी ठीक से नहा न पाना क्योंकि गरम पानी की व्यवस्था नहीं थी। पहाड़ के झरनों से एक पाइप जोड़ दिया जाता था और सीधे वहीं से पानी आता था। इस पानी में मेंढक और सांप भी निकल आते थे।
41 साल की सो येआन, विश्वविद्यालय प्रोफेसर की बेटी हैं और देश के उत्तरी हिस्से में पली बढ़ीं। उनके परिवार के अधिकांश लोग सैनिक थे और जब 1990 के दशक में देश में विनाशकारी अकाल आया तो खुद ही सेना में शामिल हो गईं। उन्होंने दस साल सेना में सेवाएं दी हैं।