विनय गुप्ता
टोरंटो। कनाडा ने परमाणु समझौते को लागू कराने के लिए ईरान पर दबाव बनाने के
अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन किया है। कनाडा के विदेश मंत्री फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन ने मंगलवार को एक
वक्तव्य जारी कर यह बात कही। श्री शैम्पेन ने कहा, “कनाडा परमाणु समझौते की शर्तों का सम्मान करने के लिए
ईरान पर फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन की ओर से दबाव बनाने का पुरजोर समर्थन करता है। हमारा मानना है कि
परमाणु समझौते से संबंधित संयुक्त कार्य योजना (जेसीपीओए) का पूरी तरह से पालन होना चाहिए। इसके जरिए
ही ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सकता है। हम ईरान से जेसीपीओए के तहत सभी शर्तों का पालन
करने का आग्रह करते हैं।” इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को एक संयुक्त वक्तव्य में कहा था कि वे ईरान परमाणु समझौते
की संयुक्त कार्य योजना (जेसीपीओए) को लेकर प्रतिबद्ध हैं। तीनों नेताओं ने ईरान से परमाणु समझौते के खिलाफ
सभी कदमों से हटने का आग्रह किया है। ईरान लगातार परमाणु समझौते की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मई 2018 में ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग
होने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गये हैं। इस परमाणु समझौते के
प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका ने ईरान पर कई प्रकार के प्रतिबंध
भी लगाए हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ
एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले
अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जतायी थी।