एजेंसी
तेहरान। ईरान के अर्द्धसैन्य बल रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने होर्मुज जलसंधि के पास सैन्य
अभ्यास के तहत बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने बुधवार को यह खबर दी। मिसाइल
परीक्षण के बाद पास के इलाके में अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों को अलर्ट कर दिया गया। अभ्यास के तहत
मिसाइलें दागे जाने के मद्देनजर संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी स्थित अल धाफ्रा एयर बेस और कतर में
अमेरिकी सेना के केंद्रीय कमान अल-उदेइद एयर बेस को सतर्क कर दिया गया। अल धाफ्रा में फ्रांस निर्मित पांच
राफेल लड़ाकू विमान कुछ समय के लिए रूके थे। राफेल के इन विमानों को भारतीय वायु सेना में शामिल किया
जाना है। ईरान के सरकारी टीवी की खबर के मुताबिक इन मिसाइलों ने छद्म विमान वाहक पोत के सेतु को
निशाना बनाया। मिसाइल दागे जाने या ड्रोन हमले का फुटेज जारी नहीं किया गया। अभ्यास में शामिल मिसाइलों
की पहचान भी नहीं जाहिर की गयी। हालांकि, अभ्यास का का स्पष्ट संदेश अमेरिका के सैन्य ठिकानों को निशाना
बनाना था। एक अर्द्धसरकारी समाचार एजेंसी ने देर रात अमेरिकी विमान वाहक पोत का फोटोशॉप से तैयार
ग्राफिक जारी किया। इस ग्राफिक में पोत को ताबूत के आकार में दिखाया गया। इसमें ईरान के सर्वोच्च नेता
अयातुल्ला अली खामेनी का एक संदेश है जिसमें उन्होंने जनवरी में शीर्ष ईरानी जनरल की हत्या का बदला देने का
संकल्प जताया है। पिछले साल से ही ईरान और अमेरिकी सेना के बीच तनाव बढ़ गया और फिर जनवरी में
अमेरिका ने ड्रोन हमले किए। इसके जवाब में ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी
थीं जिसमें कुछ जवान घायल हुए। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के बावजूद ईरान और अमेरिका के बीच
तनाव कायम है। ईरान के हथियार कार्यक्रमों पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगायी गयी रोक को अमेरिका एक साल और
बढ़ाना चाहता है। यह प्रतिबंध अक्टूबर में खत्म हो रहा है।