पेरिस। इस्लामी शिक्षा के विद्वान तारिक रमादान (55) पर लगे बलात्कार के आरोपों की शुरुआती जांच में पुष्टि होने पर मामले को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है।
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रमादान को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। उन पर सन 2009 और 2012 में दो महिलाओं के साथ बलात्कार का आरोप है।
दोनों पीड़ित महिलाएं अमेरिका में मी टू अभियान से प्रेरित होकर सामने आईं। मी टू अभियान में फिल्म निर्माता हार्वे विंस्टीन के यौन अपराध की शिकार हुई पांच दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने सामने आकर आपबीती सुनाई है।
आरोपी तारिक रमादान स्विट्जरलैंड के नागरिक हैं और उनके बाबा ने मिस्त्र में मुस्लिम ब्रदरहुड आंदोलन की शुरुआत की थी, जो बाद में कई अरब देशों में सत्ता परिवर्तन का कारण बना।
मामले की शुरुआती जांच में तीन मजिस्ट्रेटों ने रमादान से पूछताछ की और उनका पक्ष सुना। इसके बाद मामले को आगे चलाने का फैसला किया गया।
इससे पहले तीन महीने चली जांच में महिलाओं की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था। रमादान को टेलीविजन कार्यक्रमों में इस्लाम की कट्टरपंथी बातों को व्यावहारिक तरीके से रखने के लिए जाना जाता है।
हाल के वर्षों में फ्रांस में यौन अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार हुए लोगों में रमादान सबसे बड़ी शख्सियत हैं। चार बच्चों के पिता रमादान ने फिलहाल अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है।
रमादान पर आरोप लगाने वाली पहली महिला हेंडा आयरी हैं, जो महिला अधिकारों के लिए कार्य करती हैं।
जबकि दूसरी महिला एक दिव्यांग है जिसने इस्लाम धर्म अपनाया था और वह धार्मिक बातें जानने के लिए रमादान के पास जाया करती थी। रमादान ने दोनों के साथ अलग-अलग होटलों में बलात्कार किया।