संयोग गुप्ता
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को कहा कि इराक में अमेरिकी
युद्धक अभियान साल अंत तक खत्म हो जाएगा।
यह एक ऐसी घोषणा है जो अमेरिकी नीति में एक बड़े बदलाव की तुलना में जमीनी वास्तविकता को अधिक
दर्शाती है।
बाइडन के जनवरी में राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद से ही इराकी बलों की सहायता करने, उनकी ओर
से नहीं लड़ने को लेकर विचार कर रहे थे। बाइडन ने वैसे इराक में अमेरिकी सैनिकों की संख्या कम करने को
लेकर कोई बयान नहीं दिया। अभी इराक में अमेरिका के 2500 सैनिक मौजूद हैं।
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब 20 साल बाद अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस
बुला रहा है। 11 सितम्बर 2001 को हुए हमले के बाद अमेरिका ने युद्धग्रस्त देश में अपने सैनिक तैनात किए थे।
इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-काजिमी के साथ ओवल कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में बाइडन ने कहा
कि उनका प्रशासन इराक के साथ साझेदारी को लेकर प्रतिबद्ध है।
यह एक ऐसा रिश्ता जो ईरानी समर्थित इराकी मिलिशिया समूहों द्वारा तेजी से जटिल हो गया है। मिलिशिया
चाहते हैं कि अमेरकी बल इराक से तुरंत बाहर निकल जाए और समय-समय पर अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों पर
हमला करते रहे हैं।
बाइडन ने कहा, ‘‘ आईएसआईएस के खिलाफ हमारी साझा लड़ाई क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है और हमारा
आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रहेगा, भले ही हम इस नए चरण में जाने वाले हैं, जिसके बारे में हम बात
करेंगे।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हम साल के अंत तक लड़ाकू अभियान का हिस्सा नहीं होंगे।’’
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जेन साकी ने कोई जानकारी नहीं दी कि साल अंत तक इराक में उनके कितने सैनिक
होंगे।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आखिरी बार सैनिकों की संख्या कम करने के बाद से ही इराक में 2500
अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। उस समय इराक में 3000 सैनिक थे।