तेल अवीव। इजरायल में सरकार के विवादास्पद न्यायिक सुधार के विरोध में लगातार 28वें शनिवार को हजारों लोग तेल अवीव की सड़कों पर उतरे।
रूस की न्यूज एजेंसी स्पूतनिक ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को पूरे इज़रायल में 150 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। क्राउड सॉल्यूशंस के अनुमान के मुताबिक सिर्फ तेल अवीव में लगभग 150,000 लोग एकत्र हुए हैं। विरोध प्रदर्शन के आयोजकों ने कहा कि कुल मिलाक, शनिवार को पूरे इज़रायल में लगभग 400,000 लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इजरायल की संसद (नेसेट) ने सोमवार को पहले वाचन में सुधार के प्रमुख खंडों में से एक को पारित कर दिया, जिससे सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को अनुचित ठहराकर उन्हें रद्द करने की सुप्रीम कोर्ट की शक्ति पर रोक लगा दी गई। यदि विधेयक प्रभावी हो जाता है, तो सरकार को अपने निर्णयों को बढ़ावा देने और अधिकारियों का चुनाव करने में अधिक शक्ति मिल जाएगी। इसको लेकर यहां इस सप्ताह प्रदर्शन तेज हो गए हैं।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को द वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि सरकार संसद को सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को पलटने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए न्यायिक सुधार के सबसे विवादास्पद हिस्से को छोड़ देगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष महीनों से सुधार के बुनियादी प्रावधानों पर सहमत होने में असमर्थ रहे हैं, जो संभवतः सरकार को एकतरफा कानून को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।
उल्लेखनीय कि मसौदा कानून का उद्देश्य इज़रायल में न्यायपालिका को हिला कर रख देना है। यदि इसे अपनाया जाता है, तो यह सुप्रीम कोर्ट की उस शक्ति को कम कर सकता है, जिसके तहत वह कानूनों की समीक्षा करने और उन्हें रद्द करने का फैसला लेता है, जिन्हें वह असंवैधानिक मानता है। इसके साथ ही न्यायाधीशों के चयन में सरकार को अधिक अधिकार मिल सकता है।