वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को लागू करने में रूस रुचि नहीं ले रहा। वह उत्तर कोरिया की लगातार मदद करके अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के प्रयासों पर आघात कर रहा है। जबकि चीन ने उत्तर कोरिया के मामले में कड़े कदम उठाए हैं लेकिन उसे अभी बहुत कुछ करना बाकी है। यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक विशेष इंटरव्यू में कही है।
ट्रंप ने कहा कि उत्तर कोरिया का 93 प्रतिशत कारोबार चीन के साथ है। चीन ने उसे रोकने के लिए काफी कुछ किया है। लेकिन उसे अभी बहुत काम करना बाकी है। जबकि सुरक्षा परिषद के संकल्प पर दस्तखत करने के बावजूद रूस उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए खास कुछ नहीं कर रहा।
उत्तर कोरिया को दुनिया के लिए बड़ा खतरा मानते हुए ट्रंप ने उसके साथ शुरू हुई बातचीत की प्रक्रिया से कोई ठोस निष्कर्ष निकलने पर शंका जताई। कहा कि पिछले 25 साल से उसके साथ बात होती रही। कई अमेरिकी राष्ट्रपति प्रक्रिया से जुड़े रहे। नतीजा सबके सामने है।
उत्तर कोरिया अपने हथियारों की गुणवत्ता को बढ़ाने का कार्य जारी रखे हुए है। वह प्रतिदिन कुछ आगे बढ़ रहा है। ट्रंप ने कहा कि बढ़े खतरे का ही नतीजा है कि अमेरिका को ज्यादा मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात करने की जरूरत पड़ रही है। कंपनियों को ज्यादा संख्या में सिस्टम तैयार करने के लिए कहा गया है। एक सवाल के जवाब में राष्ट्रपति ने सैन्य कार्रवाई को लेकर कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।
ट्रंप ने कहा, चीन की सख्ती से उत्तर कोरिया को जो मुश्किल पैदा हो रही है, रूस उसे कम करने का काम कर रहा है। हाल के महीनों में तीन उदाहरण सामने आए हैं जब रूसी टैंकर उत्तर कोरिया को तेल की आपूर्ति करते दिखाई दिए। उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था और उसके हथियारों के विकास के लिए पेट्रोलियम उत्पाद आवश्यक हैं। इस सबके बावजूद ट्रंप ने उत्तर कोरिया के साथ दक्षिण कोरिया की शुरू हुई वार्ता प्रक्रिया का स्वागत और समर्थन किया है।