इस्लामाबाद। ट्रंप ने नए साल के मौके पर आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान पर धोखा देने का आरोप लगाने के साथ ही उसे दी जा रही आर्थिक मदद रोकने का ऐलान किया था। अब अमेरिका ने सभी तरह की सुरक्षा मदद पर रोक लगाने का भी एलान कर दिया है।
इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान अपने संसाधनों के दम पर आतंकवाद के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है। हालांकि अमेरिका की कार्रवाई पर पाकिस्तान सरकार की तरफ से कोई तल्ख प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है।
इसके बदले उसने संयमित भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा है कि वह इस फैसले का अध्ययन कर रहा है। इस बारे में अमेरिकी प्रशासन के साथ भी बात की जा रही है। इसका क्या असर होगा उसके बारे में भी बाद में ही बताया जा सकेगा।
अफगानिस्तान पर ठीकरा फोड़ रहा पाकिस्तान-
शुक्रवार देर शाम पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में अमेरिका से यह भी कहा गया है कि वह अपनी तरफ से कोई समय सीमा तय न करे और न ही बार बार लक्ष्य बदले। इसका अमेरिका और पाकिस्तान के हितों पर उलटा असर भी हो सकता है। इस विज्ञप्ति में आतंकी गतिविधियों के लिए पूरी जिम्मेदारी अफगानिस्तान के आतंकी संगठनों और वहां की सरकार की निष्क्रियता पर डालने का प्रयास किया गया है, लेकिन अमेरिका में जिस तरह से पाकिस्तान विरोधी मूड अभी है, उससे इसका कुछ असर होगा, यह कहना मुश्किल है।
इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने अपने बचाव में कहा था कि अमेरिका, अफगानिस्तान में अपनी विफलता का ठीकरा उसके सिर फोड़ रहा है और उसे बलि का बकरा बना रहा है। वहीं पाकिस्तान ने अमेरिका पर ‘भारत की भाषा’ बोलने का आरोप भी लगाया है।
पाकिस्तान ने यह भी कहा कि पिछले 16 सालों में अलकायदा के खिलाफ जंग में उसने अमेरिका को हर तरह की मदद मुहैया कराई, लेकिन इसके बदले पाकिस्तान को अमेरिका की ‘आलोचना और अविश्वास’ के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला।