संयोग गुप्ता
वाशिंगटन। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि चूंकि भारत
अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के करीब पहुंच रहा है, ऐसे में अमेरिका के साथ उसकी सामरिक
भागीदारी की ताकत आने वाले दौर में महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के करीब
पहुंचने पर भारत निरंतर राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया में लगा है, व्यक्तिगत आजादी का विस्तार कर रहा है और साथ
ही आर्थिक एवं राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ रहा है।संधू ने ‘न्यूजवीक’ पत्रिका में बुधवार को लिखे
संपादकीय में कहा कि अमेरिका के साथ भारत की स्वाभाविक साझेदारी ताकत का स्रोत होगी।उन्होंने कहा, ‘‘भारत
के हमारे लोकतंत्र की 75वें साल की ओर बढ़ने के साथ हम अपने संस्थापकों की प्रतिभा को याद करते हैं जिनमें
से कई अमेरिकी संविधान के आदर्शों से प्रेरित थे।’’संधू ने कहा, ‘‘वह क्षण अंत नहीं था, बल्कि राष्ट्र निर्माण की
निरंतर प्रक्रिया, व्यक्तिगत आजादी के विस्तार और भारत के आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक सशक्तिकरण
की शुरुआत था। इस प्रतिबद्धता को दोहराते हुए भारत की अमेरिका के साथ स्वाभाविक साझेदारी ताकत का स्रोत
बनेगी।’’उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ भारत की सामरिक साझेदारी की ताकत आने वाले दौर में महत्वपूर्ण
होगी।उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के दौरान हमने चिकित्सकीय सामान की कमी या एक देश पर निर्भरता के दबाव के
तहत अपने उत्पादों की आपूर्ति बनाए रखने के लिए एक साथ मिलकर काम किया।’’भारतीय राजदूत ने कहा कि
जिम्मेदार दवा निर्माता होने के नाते भारत ने चिकित्सा आपूर्ति श्रृंखला खुली रखी और यह सुनिश्चित किया कि
भारत से आवश्यक दवाएं अमेरिका और अन्य साझेदार देशों तक पहुंचे।उन्होंने कहा कि जब दुनिया टीका विकसित
करने की ओर बढ़ रही है तो भारत की अनुसंधान प्रयोगशालाएं और टीका निर्माण केंद्र वैश्विक प्रयासों का हिस्सा
है।संधू ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत-अमेरिका साझेदारी इस संबंध की गहराई का उदाहरण है।